जानिए क्यों शरीयत के दायरे से बाहर आएगी नर्सिंग की छात्रा Bareilly News
दुष्कर्म पीड़ित नर्सिग छात्रा की मां दारुल इफ्ता से फतवा न मिलने पर निराश होकर पीलीभीत लौट गईं। शरीयत के दायरे में रहकर इंसाफ तलाश रहीं मां-बेटी ने अब कानूनी लड़ाई की ठान ली है।
जेएनएन, बरेली : दुष्कर्म पीड़ित नर्सिग छात्रा की मां दरगाह आला हजरत स्थित दारुल इफ्ता से फतवा न मिलने पर निराश होकर पीलीभीत लौट गईं। शरीयत के दायरे में रहकर इंसाफ तलाश रहीं मां-बेटी ने अब कानूनी लड़ाई की ठान ली है। छात्रा की मां के मुताबिक, फर्जी निकाहनामा बनाने वाले मौलाना के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराऊंगी, तभी सच सामने आएगा।
मौलाना भी गुनहगार
मेरी बेटी की जिंदगी के साथ खिलवाड़ में निकाहनामा तैयार करने वाले मौलाना भी गुनहगार हैं। मैं नहीं चाहती थी कि उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करूं। मगर जब शरीयत के बड़े अलंबरदारों ने नहीं सुनी तो अब कानूनी लड़ाई के सिवा हमारे पास कोई दूसरा रास्ता नहीं है।
बरेली में कर रहीं नर्सिग की पढ़ाई
पीड़िता मूलरूप से पीलीभीत के एक कस्बे की निवासी है। दो साल पहले जब वह इंटर में थीं, तब उनके साथ दुष्कर्म हुआ था। एक आरोपित सालभर जेल में रहा। आरोप है कि जेल से बाहर निकला तो फर्जी निकाहनामा बनवाकर पीड़िता को बीवी बताने लगा। पीड़िता की मां ने दारुल इफ्ता से बस इतना सवाल किया कि क्या लड़की की बगैर मर्जी उसका निकाह हो सकता है? शरीयत में क्या हुक्म है? रोशनी डालें। उलमा ने पूरे प्रकरण की जांच के बाद फतवा नहीं दिया। आरोप है कि शर्त रखी कि मामले को सुलझा लें।