क्रूरता की हद : जानिए क्या हुआ... जब इस अस्पताल के टॉयलेट में मिला नवजात का शव Bareilly News
फिर एक बार निर्दयी मां ने अपनी ममता का गला घोंट दिया। प्रसव के तुरंत बाद नवजात को कपड़े में लपेटकर जिला अस्पताल की इमरजेंसी के शौचालय में फेंक दिया।
जेएनएन, बरेली : उफ... आखिर हुआ क्या है इस शहर को। सप्ताह में तीसरी बार ऐसा दृश्य सामने आया जिसे देखकर मानवता कराह उठे, इंसानियत शर्मसार हो जाए। जो नवजात इस दुनिया का हिस्सा बनने के लिए पैदा हुआ, उसे आंखें खोलते ही मार दिया गया। गोद में समेटने के बजाय उसे शौचालय में फेंक दिया... मरने के लिए। और... वो नाजुक आखिरकार दम तोड़ गया। यह शर्मनाक हरकत इसलिए भी और ज्यादा फिक्रमंद कर रही क्योंकि नवजात को उस परिसर में मौत दी गई, जहां लोग जिंदगी की आस में आते हैं। जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के शौचालय में उसका शव मिला।
बुधवार सुबह करीब सात बजे सफाई कर्मचारी तेजपाल जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के शौचालय की सफाई करने पहुंचे। जैसे ही दरवाजा खोला, सामने सीट पर औंधे मुंह नवजात पड़ा हुआ था। उसका सिर सीट के छेद में धंसा हुआ था, नाल उससे जुड़ी हुई थी। तेजपाल ने तुरंत इसकी सूचना अपर निदेशक एवं प्रमुख अधीक्षक डॉ. टीएस आर्या को दी। पुलिस मौके पर पहुंची और शव सील कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
कौन फेंक गया नवजात, किसी को पता नहीं
शौचालय में नवजात को कौन फेंक गया, इसका पता लगाने के लिए हर वार्ड में पूछा गया मगर कोई कुछ नहीं बोला। अपर निदेशक एवं प्रमुख अधीक्षक डॉ. टीएस आर्या ने वार्ड में मौजूद मरीजों व तीमारदारों से पूछताछ भी की, लेकिन नवजात को फेंकने वालों के बारे में कोई नहीं बता सका। पुलिस व स्वास्थ्य अधिकारियों ने इमरजेंसी वार्ड के मेल व फीमेल वार्ड में लगे सीसीटीवी चेक किए वहां भी कोई ऐसा शख्स नहीं दिखा जोकि नवजात को लेकर जा रहा हो। गैलरी में सीसीटीवी कैमरे नहीं हैं।
गर्भपात तो हुआ मगर भू्रण था, नवजात नहीं
वार्ड में मरीजों से जानकारी ली जा रही थी तब एक शख्स ने बताया कि उसकी पत्नी दो महीने की गर्भवती थी। उल्टी-दस्त होने पर उन्हें भर्ती कराया था। मंगलवार की रात को उल्टी आने पर वह शौचालय गई थी, वहां गर्भपात हो गया। भू्रण बहाने की बात तो उसने स्वीकारी मगर यह भी कहा कि जो नवजात मिला है, उसका उससे कोई संबंध नहीं। वहीं अस्पताल स्टाफ अंदेशा व्यक्त कर रहा कि कोई बाहर से आकर नवजात के शव को यहां फेंक गया।
थम नहीं रहा ऐसी घटनाओं का सिलसिला
गुरुवार को सिटी श्मशान भूमि में कोई नवजात बच्ची को मटके में जिंदा दफन कर गया था। हालांकि अपनी मृत नवजात के शव को दफनाने के लिए गड्ढा खोदते वक्त सीबीगंज निवासी हितेश को वह मटका दिखा तो नवजात को जिंदा बाहर निकाल लिया। अब उसका इलाज निजी अस्पताल में चल रहा। वहीं सोमवार को भी संजयनगर में कोई नवजात को फेंक गया था। कूड़े में उसका शव मिला।
इमरजेंसी वार्ड के शौचालय में नवजात को कौन फेंक गया, इसका पता नहीं लग पाया है। सभी से जानकारी ली लेकिन नवजात फेंकने वाले का पता नहीं लगा।
डॉ. टीएस आर्या, अपर निदेशक एवं प्रमुख अधीक्षक