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जानिये पॉलीटेक्निक छात्र ने अपने सहयोगियों के साथ क्यों किया सेवानिवृत्त बैंक कर्मचारी का अपहरण Bareilly News

नौकरी के नाम पर रुपये लेकर वापस नहीं लौटाना सेवानिवृत एसबीआइ कर्मचारी को महंगा पड़ गया। युवकों ने ग्रीनपार्क कॉलोनी गेट पर सब्जी खरीदने के दौरान वैन से उसे अगवा कर लिया।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Wed, 09 Oct 2019 12:02 PM (IST)Updated: Wed, 09 Oct 2019 05:58 PM (IST)
जानिये पॉलीटेक्निक छात्र ने अपने सहयोगियों के साथ क्यों किया सेवानिवृत्त बैंक कर्मचारी का अपहरण Bareilly News
जानिये पॉलीटेक्निक छात्र ने अपने सहयोगियों के साथ क्यों किया सेवानिवृत्त बैंक कर्मचारी का अपहरण Bareilly News

जेएनएन, बरेली : नौकरी के नाम पर रुपये लेकर वापस नहीं लौटाना सेवानिवृत एसबीआइ कर्मचारी को महंगा पड़ गया। युवकों ने ग्रीनपार्क कॉलोनी गेट पर सब्जी खरीदने के दौरान वैन से उसे अगवा कर भुता के लक्ष्या गांव में एक फॉर्म हाउस पर ले गए। अगवा हुए कर्मचारी ने परिजनों को फोन किया। तब पुलिस हरकत में आई। मोबाइल लोकेशन ट्रेस कर नाबालिग समेत पांच युवकों को धर दबोचा। तहरीर में एक को नामजद करते हुए पांच अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।

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अपहरणकर्ताओं ने मांगे 51 हजार 

बारादरी के स्पर्श ग्रीन कॉलोनी निवासी विरेंद्र नाथ द्विवेदी पूर्व में एसबीआइ इंश्योरेंस के कर्मचारी थे। वह परिवार सहित कॉलोनी में रहते हैं। मंगलवार सुबह आठ बजे वह सब्जी लेने गए थे, कि उसी दौरान वैन सवार युवकों ने स्कूटी सवार विरेंद्र को अगवा कर लिया। अपहर्ता के कहने पर विरेंद्र ने घर पर मौजूद बेटे आशीष को कॉल कर कहा कि उन्हें अनिल व कुछ युवकों ने अगवा कर लिया है। 51 हजार रुपये मांग रहे हैं। बेटे आशीष ने आसपास के लोगों से पूछताछ के बाद कंट्रोल रूम में सूचना दे दी।

लक्ष्या गांव से हुई बरामदगी

पुलिस ने अगवा शख्स के नंबर को सर्विलांस पर लगाया तो उसकी लोकेशन भुता के लक्ष्या गांव में मिली। पीछा करती बारादरी पुलिस करीब 12 बजे वहां पहुंची। एक भाजपा नेता के फार्म हाउस से विरेंद्र को ढूंढ निकाला।

पुलिस ने मौके पर अपहरण के आरोपित एक प्रमुख प्राइवेट स्कूल के चपरासी अनिल के साथ छात्र अनुराग, पालिटेक्निक छात्र मोहित, बीए के छात्र रोहित समेत 11वीं में पढ़ने वाले एक नाबालिग को पकड़ लिया और थाने ले आई। पूछताछ में पता चला कि विरेंद्र ने बैंक में नौकरी लगवाने के नाम पर अनिल से तीन लाख रुपये और अनुराग से 51 हजार रुपये लिए थे। चौकी इंचार्ज रुहेलखंड कुलदीप सिंह ने बताया कि विरेंद्र धोखाधड़ी के मामले में जेल जा चुका है।

तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है। एक नामजद तो कुछ अज्ञात के खिलाफ तहरीर मिली है। जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। राहुल सिंह, इंस्पेक्टर बारादरी


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