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Kidnapping And Murder: दिन में एक करोड़ की फिरौती मांगी, शाम को मिली मासूम की लाश

जिसका अंदेशा था वही हुआ। पुलिस हाथ-पांव मारती रही और रविवार रात शादी समारोह से अपहृत शिक्षक के बेटे की उसी दौरान हत्या कर दी गई थी।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Thu, 02 May 2019 10:21 AM (IST)Updated: Thu, 02 May 2019 02:28 PM (IST)
Kidnapping And Murder: दिन में एक करोड़ की फिरौती मांगी, शाम को मिली मासूम की लाश

बरेली, जेएनएन : जिसका अंदेशा था, वही हुआ। पुलिस हाथ-पांव मारती रही और रविवार रात शादी समारोह से अपहृत शिक्षक के बेटे की उसी दौरान हत्या कर दी गई थी। बावजूद बुधवार को दिन में कथित अपहरणकर्ताओं की ओर से एक करोड़ की फिरौती के लिए परिजनों को फोन किया गया। पुलिस घटनाक्रम की तह तक पहुंच पाती, देर शाम बच्चे का शव बरामद हो गया। अपहरणकर्ताओं ने शव को खेत किनारे गड्ढे में फेंक, उसके ऊपर गन्ने की खोई डाल दी थी। खास बात यह कि दो दिन से जो शख्स शक के आधार पर हिरासत में था, वही घटनाक्रम का मास्टरमाइंड निकला। उसने कबूला-दस लाख की फिरौती के लिए बच्चे का अपहरण किया था। उठाने के तुरंत बाद हत्या कर दी। यही वजह है, पूरे मामले में पुलिस की लापरवाही पर तमाम सवाल खड़े हो रहे हैैं।

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पीलीभीत के बीसलपुर थाना क्षेत्र में हाफिजनगर बन्नाही निवासी शिक्षक चंद्रप्रकाश गंगवार रविवार रात रिश्तेदार रामकुमार की बेटी की शादी में शामिल होने नवाबगंज आए थे। बीजामऊ रोड स्थित पुष्पवाटिका बरातघर में कार्यक्रम था। साथ में पत्नी रुचि गंगवार व चार साल को बेटा अग्रिम भी था। इसी दौरान रात में अग्रिम का अपहरण हो गया। सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद पुलिस ने दियोरिया गांव के सुनील को हिरासत में ले लिया। नवाबगंज पुलिस दो दिन तक सुनील को हिरासत में लेकर पूछताछ करती रही, लेकिन कुछ हासिल नहीं कर सकी। इसके बाद बुधवार सुबह क्राइम ब्रांच ने सुनील को अपने कब्जे में ले लिया।

सुनील ने खोले सनसनीखेज राज

चंद्रप्रकाश आरोपित सुनील को भाई मानते थे। वारदात में सुनील ने एक और व्यक्ति का नाम बताया था। पुलिस ने उसे भी उठाया। दोनों से अलग-अलग पूछताछ की गई तो एक-दूसरे पर आरोप लगाते रहे। आमना-सामना कराने पर सुनील टूट गया। देर शाम बताया कि बच्चा उठाने के बाद उसी दिन मार डाला था।

गुमराह करते रहे फिरौती मांगने वाले

रविवार को ही अग्रिम की हत्या हो गई थी। फिर उसे छोडऩे के एवज में बुधवार दिन में एक करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई। दोपहर में बच्चे के पिता चन्द्रप्रकाश के पास वॉट्सऐप नंबर पर कॉल आई। शिक्षक ने इतनी बड़ी रकम देने में असमर्थता जताई। आखिर में 40 लाख रुपये देना तय हुआ। शिक्षक ने रकम देने के लिए पांच दिन की मोहलत मांगी। शिक्षक ने जब फोन करने वाले से बच्चे के बारे में पूछा तो उसने बताया कि तेरा बच्चा एसी में सो रहा है। रोता और सोता बहुत है। शाम को उसने बच्चे की फोटो भेजने की भी बात कही थी, जबकि सुनील ने बताया कि वह दस लाख रुपये की फिरौती चाहता था।  


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