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विवाद के बाद एक तरफ ग्रामीण और दूसरी तरफ कांवड़िये, यात्रा रोकी गई

बरेली के उमरिया गांव में रास्ते के विवाद को लेकर कांवड़ यात्रा रोक दी गई है। एक तरफ ग्रामीण और दूसरी तरफ कांवड़िये खड़े हैं।

By Nawal MishraEdited By: Published: Sun, 12 Aug 2018 07:15 PM (IST)Updated: Sun, 12 Aug 2018 07:28 PM (IST)
विवाद के बाद एक तरफ ग्रामीण और दूसरी तरफ कांवड़िये, यात्रा रोकी गई
विवाद के बाद एक तरफ ग्रामीण और दूसरी तरफ कांवड़िये, यात्रा रोकी गई

बरेली (जेएनएन)। सावन के तीसरे सोमवार के एक दिन पहले रविवार को गंगा जल भरने के लिए कांवडिय़ों की जबरदस्त भीड़ उमड़ रही है। उमरिया गांव में रास्ते के विवाद को लेकर कांवड़ यात्रा रोक दी गई है। एक तरफ ग्रामीण और दूसरी तरफ कांवड़िये खड़े हैं। गांव वाले इस रास्ते को नया रास्ता बता रहे हैं। उनके मुताबिक कांवड़ यात्रा कभी इस गांव के इस रास्ते से नहीं निकली। अब वह नई परंपरा नहीं पड़ने देंगे। इसको लेकर उपजे विवाद में तोड़फोड़ और टकराव की स्थिति पैदा होने पर पुलिस ने मौके पर जाकर मोर्टा संभाला। फिलहाल कांवड़ यात्रा को रोक दिया गया है।

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कांवड़ यात्रा मार्ग का मामला तूल पकड़ने पुलिस व प्रशासनिक अफसर मौके पर पहुंच गए हैं। बीच का कोई रास्ता निकालने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन ग्रामीण नई प्रथा बताते हुए कांवड़ियों को निकलने देने से साफ इन्कार कर रहे हैं। रास्ता जाम हो गया है।

पांचाल घाट पर कांवडिय़ों की भीड़ 

फर्रुखाबाद  के पांचाल घाट पर सावन के तीसरे सोमवार के एक दिन पहले कांवडिय़ों की जबरदस्त भीड़ उमड़ी। हर तरफ भोले की जय जयकार हो रही थी। डीजे पर बज रहे भक्ति गीतों पर कांवडि़ए झूम रहे थे। अबीर गुलाल भी उड़ाया जा रहा था। इसी दौरान भीड़ के कारण पांचाल घाट पुल पर वाहनों का लंबा जाम लग गया। जिसे खुलवाने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। पांचाल घाट पर कांवडिय़ों का जमावड़ा लगने लगा था। रविवार सुबह होते-होते भीड़ इस कदर बढ़ी कि पैर रखने की जगह नहीं बची। गंगा भी इन दिनों उफान पर हैं। घाट के दौनों पर कांवडिय़ों का स्नान जारी रहा। पुलिस भी चौकन्नी रही, लेकिन भीड़ के चलते पुल पर जाम लगा गया। जिससे सैकड़ों वाहन फंस गए। पुलिस ने जैसे तैसे मशक्कत कर घंटों बाद जाम खुलवा पाया। जाम में फंसी रोडवेज बसों व निजी वाहनों में लोग परेशान दिखे। कई जनपदों के कांवडि़ए पांचाल घाट पर जल लेने आते हैं। ट्रैक्टर ट्रालियों को जोड़कर कांवडि़ए चलते हैं, उसी पर डीजे लगाते हैं। डीजे के अलग वाहन भी साथ चलते हैं। राहगीरों पर भी अबीर गुलाल के छीटे पड़ते हैं। दोपहर बाद शहर से भी कांवडिय़ों का जत्था निकला। वह अबीर गुलाल की होली खेल रहे थे।


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