एंंटी करप्शन टीम के रिश्वत लेते हुए रंगें हाथ पकडने के बाद कानूनगो बोला- मेरी किस्मत खराब थी
आंवला के ग्राम किटौना के जगन्नाथ ने बताया कि प्रशासन ने उन्हें सात जून 2002 को कृषि भूमि रकबा 1.520 हेक्टेयर भूमि का पट्टा दिया हुआ है। तभी से वह इस भूमि पर काबिज है।
बरेली, जेएनएन । सरकारी सिस्टम में भ्रष्टाचार अंदर तक पैठ बना चुका है। कानूनगो, लेखपाल बिना रिश्वत कोई काम नहीं करते। ऐसा ही ताजा मामला आंवला में सामने आया। घूसखोरी की ऐसी ही शिकायत पर मंगलवार को लखनऊ से आईं एंटी करप्शन की टीम ने कानूनगो को दस हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। एसडीएम के आदेश के बाद भी पट्टे की भूमि से कब्जा हटवाने के लिए कानूनगो मोहम्मद इफ्तिखार दस हजार रुपये मांग रहे थे।
आंवला के ग्राम किटौना के जगन्नाथ ने बताया कि प्रशासन ने उन्हें सात जून 2002 को कृषि भूमि रकबा 1.520 हेक्टेयर भूमि का पट्टा दिया हुआ है। तभी से वह इस भूमि पर काबिज है। उनका कहना है कि गत 14 मई 2020 को गांव के ही रामपाल ने उनकी भूमि पर नीव खोदकर उसे रातों-रात भर लिया जब उन्होंने इसका विरोध किया तो आरोपित ने उनके साथ अभद्रता की। उन्होंने फोन कर यूपी-112 को बुलाया। यूपी-112 दोनों को आपस में समझौता करने की राय देकर चली गई।
15 मई को उन्होंने एसडीएम आंवला से आदेश कराए। इसके बाद आरोपित कानूनगो ने उनसे कब्जा दिलवाने के नाम पर सौदेबाजी की। आरोप है कि 15 हजार रुपये मांगने के बाद वह 10 हजार रुपये में माने। जगन्नाथ ने इस मामले में एंटी करप्शन टीम से शिकायत की। पड़ताल में आरोपों की पुष्टि होने के बाद एंटी करप्शन टीम प्रभारी सुरेश दत्त मिश्रा, नरेशचंद्र शर्मा, चरन ¨सह, मोहम्मद इस्तिखार, विक्रम ¨सह, एचसीपी पदम ¨सह,व राकेश कुमार त्रिपाठी व निर्देश कुमार की टीम कस्बा पहुंची।
पूरे मामले के वादी जगन्नाथ ने कानूनगो मोहम्मद इफ्तिखार को उनके कार्यालय में दस हजार रुपये जैसे ही सौंपे। टीम ने उन्हें रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। उनके खिलाफ थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
मेरी किस्तम खराब थी : पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद कानूनगो ने कहा कि मेरी किस्मत खराब थी, जो ऐसा हुआ। कानूनगो ने और कुछ भी बोलने या बताने से इन्कार कर दिया।
ग्राम किटौना के जगन्नाथ की शिकायत पर जांच की गई। पुष्टि होने पर यह कार्रवाई की गई। -सुरेश दत्त मिश्रा, प्रभारी एंटी करप्शन टीम