नालों की हकीकत दिखाने पर भी नहीं जागा निगम
जागरण संवाददाता, बरेली : प्री मानसून में ही नाला सफाई की पोल खुल गई। इसको लेकर दैनिक जागरण ने कई दिन
जागरण संवाददाता, बरेली : प्री मानसून में ही नाला सफाई की पोल खुल गई। इसको लेकर दैनिक जागरण ने कई दिन पहले ही नगर निगम को चेताया था। नालों की हकीकत दिखाने के बाद भी नगर निगम नहीं जागा। महापौर और नगर आयुक्त ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। नालों की स्थिति खराब बनी रही और बुधवार को अचानक आए प्री मानसून ने पूरा शहर डुबो दिया।
बारिश से शहर में भीषण जलभराव का अंदेशा दैनिक जागरण को पहले से ही था। नगर निगम में नई सरकार बनने के बाद से ही महापौर व नगर आयुक्त का ध्यान दिलाने के लिए जागरण ने करीब एक महीने पहले नालों की हकीकत का अभियान शुरू किया था। सबसे पहले शहर के छह बड़े नालों को लेकर उनका हाल देखा। कई मुहल्लों के बीच होकर गुजरने वाले नालों में काफी गंदगी पाई गई। इतना ही नहीं नालों पर कई जगह अतिक्रमण भी मिला। बरसात में शहर नहीं डूबे, इसका इशारा नगर निगम को किया लेकिन सभी मौन बने रहे। छोटे-बड़े करीब सौ नालों की सफाई नगर निगम ने नहीं करवाई। कुछ नाले साफ करने के दावे स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने किए, लेकिन उन्हें भी तलीझाड़ साफ नहीं किया गया। ठेके पर हो रहे नौ बड़े नालों की सफाई
कुछ दिन पहले ही महापौर और नगर आयुक्त ने नौ बड़े प्रमुख नालों को ठेके पर साफ कराने के निर्देश दिए। इनकी सफाई निर्माण विभाग करवा रहा है। नौ नालों की सफाई का काम करीब 38 लाख रुपये में कराया जाना है। इसमें सुभाषनगर नाला, चौधरी मुहल्ले का नाला, हजियापुर नाला, जगतपुर नाला समेत अन्य शामिल हैं। इन नालों की सफाई का काम शुरू हो चुका है, लेकिन अब तक काम पूरा नहीं होने से स्थिति साफ नहीं हुई है। वर्जन
नालों की सफाई का कार्य शुरू करवाया जा चुका है। नौ बड़े नालों की सफाई ठेके पर करवाई जा रही है। अन्य नालों को स्वास्थ्य विभाग अपने संसाधनों से साफ करवा रहा है। मानसून से पहले नाला सफाई पूरी करा दी जाएगी।
आरके श्रीवास्तव, नगर आयुक्त