Jagran Column : शहरनामा : जोर का झटका घीरे से लगा Bareilly News
मुगालते में रहने वाले बरेली के अफसर गुरुवार को झटका खा गए। समझ गए कि जिले के प्रभारी मंत्री श्रीकांत शर्मा को पढ़ाना आसान नहीं है।
वसीम अख्तर : मुगालते में रहने वाले बरेली के अफसर गुरुवार को झटका खा गए। समझ गए कि जिले के प्रभारी मंत्री श्रीकांत शर्मा को पढ़ाना आसान नहीं है। गुरुवार को अफसर उम्मीद पाले थे कि चलो जिला योजना की बैठक निरस्त हो चुकी है, मंत्री सरकार के तीन साल पूरे होने पर प्रेस कांफ्रेंस करके निकल जाएंगे। कोरोना का शोर है, मंत्री थोड़ा-बहुत पूछेंगे तो बता देंगे। इसलिए पूरी तैयारी के साथ विकास भवन नहीं पहुंचे। प्रेस कांफ्रेंस खत्म होने पर मंत्री ने बैठक शुरू करते हुए निर्माणाधीन बड़े कामों पर बात की तो अफसरों के माथे पर चिंता की लकीरें दिखने लगीं। रही-सही कसर विधायकों ने पूरी कर दी। एक-एक कर सारे विभागों की चिट्ठा खोलने लगे। आदतन अफसरों ने बात को घुमाने का प्रयास किया पर सफल नहीं हुए। बच बड़े अफसर भी नहीं पाए। सभी के लिए मंत्री ने तल्ख शब्द प्रयोग किए और अफसर सिर झुकाए सुनते रहे।
जोर से बोलते हैं इसलिए इन्हें पहचानते हो
पीओ डूडा शैलेंद्र भूषण श्रीवास्तव बैठक में रिलैक्स दिख रहे थे। शायद यह सोचकर कि बड़े कामों पर चर्चा हो रही है। मंत्री का फोकस बड़े अफसरों पर है, उनसे पूछताछ नहीं होगी। बड़े कामों पर बात खत्म होते ही मंत्री ने पीओ से कहा कि तुम्हारा आवासों का काम ढीला कैसे है, वह सफाई देने लगे तो विधायक बोल पड़े। बताने लगे कि काम ठप पड़ा है। मंत्री ने पीओ से पूछा, यहां बैठे विधायकों में किस-किस को पहचानते हो, वह नवाबगंज और बहेड़ी विधायक का नाम नहीं बता पाए। भोजीपुरा विधायक बहोरन लाल मौर्य की तरफ देखने लगे। मंत्री के मुंह से बेसाख्ता निकला, हां इन्हें तो पहचानते होगे, क्योंकि यह जोर से बोलते हैं। अपनी इस पहचान पर बहोरनलाल ने जोर का ठहाका लगाया। बाकी सब विधायक हंस पड़े। मंत्री ने पीओ से कहा, नौ माह हो गए। नए नहीं हो, काम करके दिखाओ। काम ही बचाएगा।
वे आकर फंसे, कुछ नदारद रहकर भी नहीं बचे
मंत्री की बैठक में डीएम नितीश कुमार और बीडीए वीसी दिव्या मित्तल का नहीं आना चर्चा में रहा। सीडीओ चंद्रमोहन गर्ग ने डीएम के बारे में बता दिया कि तबीयत नासाज होने की वजह से नहीं आए। वीसी बीडीए के नहीं आने पर मंत्री ने न पूछा और न ही उनके किसी अधीनस्थ ने स्थिति स्पष्ट की। हां, उन विधायकों के हाथ मौका जरूर लग गया है, जो किसी न किसी बात को लेकर उनसे खफा हैं। जब सड़कों के गड्ढों की बात आई तो विधायकों ने कहा कि डीएम के स्तर से मीटिंग जरूर बुलाई गई थी लेकिन सड़कों की हालत में कुछ खास सुधार नहीं हुआ। विभागीय अफसर पुराने अंदाज में ही काम कर रहे हैं। तेजी के लिए टोकने पर टका सा जवाब मिल जाता है, काम चल रहा है, हो जाएगा। मंत्री से सीडीओ की तरफ देखा तो जवाब मिला, सर मुझसे पहले का मामला है।
बचेंगे इंस्पेक्टर बच्चू सिंह !
सीबीगंज इंस्पेक्टर बच्चू सिंह सत्ता में कुछ असरदारों के निशाने पर हैं। यह सबको पता है। इसलिए भी कि केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार उनके रवैये को लेकर सार्वजनिक रूप से नाराजगी जता चुके। इंस्पेक्टर सुभाषनगर को लेकर भी विरोध है, यह बात मंत्री की बैठक में खुली। दोनों इंस्पेक्टर की शिकायत भोजीपुरा विधायक ने की। बताया कि इंस्पेक्टरों के कामकाज से न सिर्फ भाजपा के लोग बल्कि आम जनता भी नाखुश है। इंस्पेक्टर सुभाषनगर के लिए तो दो आइएएस अधिकारी लिख चुके हैं कि मनमाना रवैया अपना रहे हैं। एसडीएम ईशान प्रताप सिंह की रिपोर्ट डीएम ने एसएसपी को भेजी लेकिन उन पर फिर भी कार्रवाई नहीं हुई। दोनों इंस्पेक्टर सुनते ही नहीं हैं। मंत्री ने एसएसपी से कुछ कहा और फिर अपने पीए को भी नोट करने का इशारा किया। इसी के साथ सत्ता के गलियारों में सवाल उठ रहे हैं कि इंस्पेक्टर इस बार भी बचेंगे या निपटेंगे।