बरेली में खुलेगा प्रदेश का पहला इंडो-ताइवान स्टडी सेंटर, राजभवन में ताइवान एंबेसी से होगा रूहेलखंड विश्वविद्यालय का करार, जानिए क्या होगा फायदा
Bareilly Study Center रुहेलखंड विश्वविद्यालय के छात्र जल्द ही कई भाषाओं को पढ़ने के साथ ही उनका प्रशिक्षण भी ले सकेंगे।इसके लिए विश्वविद्यालय व ताइवान एबेंसी के बीच लखनऊ स्थित राजभवन में 12 अक्टूबर को एमओयू साइन होगा।
बरेली, जेएनएन। Bareilly Study Center : रुहेलखंड विश्वविद्यालय के छात्र जल्द ही कई भाषाओं को पढ़ने के साथ ही उनका प्रशिक्षण भी ले सकेंगे। इसके लिए विश्वविद्यालय व ताइवान एबेंसी के बीच लखनऊ स्थित राजभवन में 12 अक्टूबर को एमओयू साइन होगा। इसके बाद विश्वविद्यालय में इंडो-ताइवान स्टडी सेंटर खोला जाएगा, जो कि प्रदेश का पहला इंडो-ताइवान स्टडी सेंटर होगा। यहां ताइवान के प्रोफेसर बतौर फैकल्टी गेस्ट आकर मंदारिन (चीन-ताइवान) भाषा सिखाएंगे।
इससे पहले छह जून को उत्तराखंड की दून यूनिवर्सिटी ने मंदारिन पढ़ाने के लिए ताइवान के साथ एमओयू साइन किया है। नेशनल एजुकेशन पालिसी 2020 के तहत विश्वविद्यालय में मल्टी लिंगुअल स्टडी सेंटर स्थापित किया गया था, जिसमें यह पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा।
शुरू होंगे यह कोर्स होंगे
सर्टिफिकेट आफ प्रोफिशिएंसी इन मंदारिन, डिप्लोमा इन पाली लैंग्वेज, पीजी डिप्लोमा इन उर्दू जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन, डिप्लोमा इन योग विज्ञान, पीजी डिप्लोमा इन संस्कृत फार कंप्यूटर एप्लीकेशन, सर्टिफिकेट आफ प्रोफिशिएंसी इन जर्मन, सर्टिफिकेट आफ प्रोफिशिएंसी इन स्पेनिश, जर्मन - इंग्लिश ट्रांसलेशन, इंग्लिश-हिंदी-मंदारिन ट्रांसलेशन, संस्कृत - हिंदी - इंग्लिश ट्रांसलेशन, सर्टिफिकेट आफ प्रोफिशिएंसी इन फ्रेंच कोर्सों को शुरू किया जा रहा है।
इसी माह जारी होंगे प्रवेश फार्म
सेंटर फार्म मल्टी लैंगुअल स्टडीज के निदेशक प्रो. आशा चौबे ने बताया कि फारेन लैंग्वेज कोर्स को शासन से मंजूरी मिल चुकी है। 12 अक्टूबर को एमओयू साइन होने के बाद माह के अंत में प्रवेश के लिए फार्म जारी कर दिए जाएंगे। विश्वविद्यालय ने पाठ्यक्रम का स्ट्रक्चर तैयार कर लिया है। हालांकि अभी फीस तय होना शेष है, जो कि एक्जीक्यूटिव बाडी की बैठक में तय होगी।
लखनऊ राजभवन में 12 अक्टूबर को ताइवान एबेंसी व रुविवि के बीच एमओयू साइन होगा। इंडो-ताइवान स्टडी सेंटर स्थापित करने के लिए शासन से स्वीकृति पूर्व में ही मिल चुकी थी। एमओयू साइन होने के लिए कुलाधिपति से समय मिल चुका है। इस सत्र में इसकी शुरुआत हो जाएगी। - प्रो. केपी सिंह, कुलपति रुविवि