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बरेली में हुई कार्यशाला में विशेषज्ञों ने बताए मानव तस्करी रोकने के उपाय

मानव तस्करी तीसरे नंबर का सबसे बड़ा अपराध है। अंतरराज्यीय सीमा से जुड़े जिलों को मानव तस्कर बेहद मुफीद मानते हैं। ऐसे में अंतरराज्यीय सीमा से जुड़े जनपदों में पुलिस की सक्रियता बढ़ेगी। इसको लेकर शुक्रवार को पुलिस लाइंस में मानव तस्करी- एक संगठित अपराध के आयाम भागीदारियां और चुनौतियों के विरुद्ध सशक्त रणनीति विषय पर कार्यशाला हुई।

By JagranEdited By: Published: Fri, 28 Jan 2022 07:05 PM (IST)Updated: Fri, 28 Jan 2022 07:05 PM (IST)
बरेली में हुई कार्यशाला में विशेषज्ञों ने बताए मानव तस्करी रोकने के उपाय

जासं, बरेली: मानव तस्करी तीसरे नंबर का सबसे बड़ा अपराध है। अंतरराज्यीय सीमा से जुड़े जिलों को मानव तस्कर बेहद मुफीद मानते हैं। ऐसे में अंतरराज्यीय सीमा से जुड़े जनपदों में पुलिस की सक्रियता बढ़ेगी। इसको लेकर शुक्रवार को पुलिस लाइंस में मानव तस्करी- एक संगठित अपराध के आयाम, भागीदारियां, और चुनौतियों के विरुद्ध सशक्त रणनीति विषय पर कार्यशाला हुई। कार्यशाला में विशेषज्ञ ने राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़ों के हवाले से बताया कि 48 प्रतिशत के करीब मानव तस्करी का शिकार 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे हो रहे हैं।

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कार्यशाला में रेंज के चारों जिलों बरेली, पीलीभीत, बदायूं व शाहजहांपुर में तैनात एएचटीयू (एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिग यूनिट) थानों के प्रभारी, स्टाफ, महिला थाना, नेपाल बार्डर के थानों से संबंधित पुलिसकर्मियों ने प्रतिभाग किया। मानव सेवा संस्थान के डायरेक्टर राजेश मणि त्रिपाठी ने मानव तस्करी पर रोक, एएचटीयू थानों के कार्य एवं अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं की जानकारी दी। कहा कि 2015 में प्रदेश में 35 जिलों में एएचटीयू थाने खोले गए। अक्टूबर 2020 में प्रत्येक जिले में एएचटीयू थाने खोले गए। अंतरराज्यीय सीमा से जुड़े जिले मानव तस्करी के लिहाज से संदिग्ध माने जाते हैं। 18 से कम उम्र के बच्चे मानव तस्करों के निशाने पर होते हैं। आइजी रेंज रमित शर्मा, एसपी देहात राजकुमार अग्रवाल, एसपी क्राइम मुकेश प्रताप सिंह आदि शामिल रहे।

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वेश्यावृत्ति में धकेल रहे तस्कर

विशेषज्ञ ने बताया कि दर्ज मामलों के मुताबिक, मानव तस्करी का शिकार सर्वाधिक बच्चों को वेश्यावृत्ति में धकेला गया। दर्ज 4,709 मानव तस्करी के मामलों में 1,466 मामले यौन शोषण व वेश्यावृत्ति के दर्ज हुए।

इस तरह फंसाते हैं मानव तस्कर

- कंप्यूटर, इंग्लिश स्पीकिग कोर्स में एडमिशन का लालच देकर।

- बड़े शहरों में नौकरी का झांसा देकर।

- हास्टल या कालेज में दाखिले के नाम पर।

- कोविड-19 के कारण मुख्यधारा से अलग हुए बच्चों एवं बेरोजगार युवाओं को फंसाकर।

- आनलाइन रोजगार से जोड़ने का झांसा देकर।


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