जंग-ए-मैदान बना नगर निगम : पार्षदों ने की हल्लाबोल की तैयारी तो नहीं पहुंचे नगर आयुक्त
पोर्टेबल शॉप प्रकरण में पार्षद के खिलाफ मुकदमे के बाद से दस दिनों से जंग का मैदान बने नगर निगम परिसर में मंगलवार को जमकर तनातनी रही।
बरेली, जेएनएन: पोर्टेबल शॉप प्रकरण में पार्षद के खिलाफ मुकदमे के बाद से दस दिनों से जंग का मैदान बने नगर निगम परिसर में मंगलवार को जमकर तनातनी रही। नगर आयुक्त छुट्टी के बाद दफ्तर आने वाले थे और पार्षदों ने उन्हें कार्यालय में न बैठने देने की ठान रखी थी। पार्षद सुबह से ही आस्तीनें चढ़ाए नारेबाजी कर अपनी जिद पर अड़े तो सिटी मजिस्ट्रेट से लेकर सीओ पहुंच गए। कोतवाली का फोर्स डट गया। लेकिन, नगर आयुक्त सैमुअल पॉल एन. दफ्तर में बैठने तो दूर, झांकने भी नहीं आए। दिन भर निगम परिसर छावनी बना रहा।
बंगले से ही माहौल समझते रहे नगर आयुक्त
सिटी मजिस्ट्रेट की जांच में दोषी पाए जाने पर नगर आयुक्त ने पार्षद विनोद सैनी के खिलाफ रिपोर्ट लिखवाई थी। सभी पार्षद इसी मुकदमे को वापस लेने के लिए एक जून से नगर आयुक्त के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। विरोध बढ़ा तो नगर आयुक्त छुट्टी पर चले गए। मंगलवार को वह शहर तो पहुंच गए लेकिन हंगामा होने के कारण दफ्तर नहीं आए। बंगले में बैठकर ही माहौल समझते रहे।
सिटी मजिस्ट्रेट, सीओ ने मनाया, नहीं माने पार्षद
हंगामा होने पर सिटी मजिस्ट्रेट संजय कुमार, सीओ सिटी कुलदीप कुमार आए। उन्होंने अपर नगर आयुक्त आदि जानकारी ली। फिर एक दारोगा को भेजकर धरना दे रहे कुछ पार्षदों को बुलाया। उन्हें मनाने की कोशिश लेकिन पार्षदों ने उठकर जाने से मना कर दिया। अधिकारी पैर पटकते चले गए। धरने में पार्षद दल उप नेता छंगामल मौर्य, मुख्य सचेतक शालिनी जौहरी, उपसभापति अतुल कपूर आदि पार्षद थे।
महानगर अध्यक्ष भी बैठे धरने में
लड़ाई अब तक पार्षदों व आयुक्त के बीच चल रही थी। मंगलवार को भाजपा के महानगर अध्यक्ष डॉ. केएम अरोरा भी धरने में पहुंचे।
निगम में गूंजे नारे, जनता की दुख-तकलीफ किनारे
नगर निगम के जिम्मेदार आपसी खींचतान में लगे हैं। दफ्तर में धरना-प्रदर्शन हो रहा। नारे गूंज रहे। लोगों की समस्याएं, सुविधाएं किनारे हैं। लोग कूड़ा उठान, गंदगी, जलभराव, अतिक्रमण से जूझ रहे हैं। निगम कार्यालय में सुनवाई हो रही है न हेल्पलाइन पर। आमजन निराश लौट रहे हैं।
जलभराव के बीच कराया भंडारा
वार्ड 64 सिकलापुर में आजाद मंदिर के पास गली में मंगलवार को भंडारा था। पूरी गली गंदे पानी से लबालब थी। क्योंकि नाला चोक है। लोग इसकी शिकायत करने निगम गए थे। किसी ने समस्या न सुनी।
रास्ता अधूरा, निकलो जलभराव से
बदायूं रोड पर गणोश नगर में खुदानी मंदिर के पीछे रास्ता खराब है। कुछ हिस्से में सीसी टाइल डाली गई। लोग जलभराव से होकर निकलते हैं। मुहल्ले के अरुण कुमार शिकायत करने गए, लेकिन सुनवाई न हुई।
दबा ली पाइप लाइन, रास्ता रोका
मढ़ीनाथ के लक्ष्मीकांत त्रिवेदी का आरोप है कि गली में एक रिटायर्ड पुलिस कर्मचारी ने उनके घर को आ रही पानी की लाइन दबा ली है। उस पर चबूतरा बना लिया। अब रास्ता रोकते हैं। उन्हें निगम से लौटना पड़ा।
अधिकारियों की मंशा काम करने की नहीं
महापौर डॉ. उमेश गौतम ने कहा कि नगर निगम के अधिकारियों की मंशा पहले से ही शहर में काम नहीं करने की है। नगर निगम परिसर के दो सौ मीटर दायरे पर धारा 144 लागू करना इसका प्रमाण है। शहर के जिस मुहल्ले में भी कोई समस्या होती है तो दस-बीस लोग नगर निगम पहुंचते हैं। धारा 144 लागू कर लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है। अधिकारी यही चाहते हैं कि पब्लिक नहीं आए और काम नहीं करना पड़े। इससे माहौल खराब हो रहा है। समाधान निकालने के बजाए उग्र होने का प्रयास कर रहे हैं, जो शहर के लिए ठीक नहीं है।
भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने की मंशा से हो रहा धरना-प्रदर्शन
पूर्व महापौर डॉ. आइएस तोमर ने कहा कि केंद्र से लेकर नगर निगम तक सत्ता में होने के बाद पार्षदों को धरने पर बैठना पड़े, इससे अफसोसजनक कुछ नहीं हो सकता। भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने की मंशा से धरना-प्रदर्शन हो रहा है। शहर में जल निकासी, सफाई, नालों की सफाई, पेयजल आपूर्ति जैसे गंभीर मुद्दे हैं, जो आगे चलकर मुसीबत बन सकते हैं। इन पर कोई भी जनप्रतिनिधि ध्यान नहीं दे रहे हैं।
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