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FAKE Coronavirus Test News : बरेली में एक बार फिर कोरोना जांच के नाम पर फर्जीवाड़, एक ही मोबाइल नंबर पर कर दी 7343 लोगों की कोरोना जांच

जांच की संख्या बढ़ाने के लिए 7017....31 मोबाइल नंबर पर जनवरी से अब तक 7343 रजिस्ट्रेशन दिखा दिए गए। इनमें से अधिकतर की एंटीजन जांच दर्शाई गई है। कुछ की एंटीजन और आरटीपीसीआर दोनों जांच की गईं।हैरत की बात यह है कि इनमें से किसी की रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आई।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Sat, 10 Apr 2021 12:22 PM (IST)Updated: Sat, 10 Apr 2021 12:22 PM (IST)
FAKE Coronavirus Test News : बरेली में एक बार फिर कोरोना जांच के नाम पर फर्जीवाड़, एक ही मोबाइल नंबर पर कर दी 7343 लोगों की कोरोना जांच
जनवरी से चल रहा 7017....31 मोबाइल नंबर से फर्जी रजिस्ट्रेेशन कर जांच की संख्या बढ़ाने का काम।

बरेली, (अंकित गुप्ता)। FAKE Coronavirus Test News : उत्तर प्रदेश के बरेली में कोरोना जांच में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। जांच की संख्या बढ़ाने के लिए 7017....31 मोबाइल नंबर पर जनवरी से अब तक 7343 रजिस्ट्रेशन दिखा दिए गए। इनमें से अधिकतर की एंटीजन जांच दर्शाई गई है। कुछ की एंटीजन और आरटीपीसीआर दोनों जांच की गईं।हैरत की बात यह है कि इनमें से अभी तक किसी की रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आई है। जो जांच के नाम पर हो रहे फर्जीवाड़े को और पुख्ता करता है।

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जिले में कोरोना संक्रमण का पहला केस बीते वर्ष 28 मार्च को मिला था। इसके बाद धीरे धीरे संक्रमण बढ़ता गया। जुलाई से अक्टूबर तक संक्रमण ने करीब दस हजार से अधिक लोगों को अपनी चपेट में ले लिया। इसके बाद संक्रमण का प्रभाव कम होना शुरू हुआ। इसके चलते लोगों ने जांच कराने में दिलचस्पी लेना भी कम कर दी। लेकिन विभाग पर प्रतिदिन जांच करने का दवाब था। ऐसे में टीमें तो जांच करने में लगी रहीं, लेकिन जांच कराने वाले नहीं आए। इस दौरान जांच का लक्ष्य पूरा करने के लिए विभागीय कर्मियों ने खेल करना शुरू किया। वह फर्जी या पुरानी फाइलों से नाम निकाल कर पोर्टल पर दर्ज कर सूचना शासन को भेजने लगे। करीब आठ दिन पहले विभाग के ही एक वरिष्ठ कर्मी ने बातों बातों में इसका जिक्र कर गए। पड़ताल शुरू की तो 7017....31 मोबाइल नंबर सामने आया। एक विभागीय सूत्र के जरिए इस नंबर को पोर्टल पर डालकर चेक कराया गया तो चौंकाने वाले परिणाम सामने आए। जनवरी से अब तक इस मोबाइल नंबर पर 7343 लोगों की जांच की गई थी, जिसमें से कोई पॉजिटिव नहीं था। इस संबंध में जब जिम्मेदार लोगों से बात की गई तो उन्होंने तर्क दिया कि जिनके पास मोबाइल नंबर नहीं होते उनके नंबर पर वह अपने किसी व्यक्ति का नंबर डाल देते हैं। लेकिन जब एक जैसे पते (बीएलबाई) पर सवाल किया तो वह भी चक्कर में पड़ गए।

जागरण ने पहले भी किया था राजफाश

दैनिक जागरण ने करीब पांच महीने पहले भी इस तरह के फर्जीवाड़े का खुलासा किया था। उस दौरान 0 से 9 तक के अंकों के दस नंबर के करीब एक हजार से अधिक रजिस्ट्रेशन किए गए थे। इन नंबरों पर दर्ज सभी की रिपोर्ट भी निगेटिव ही आई थी। सीएमओ डा. एस के गर्ग ने बताया कि फर्जी रजिस्ट्रेशन करने की विभाग की कोई मंशा नहीं होती। किसी एक मोबाइल नंबर पर कई लोगों के नाम दर्ज होना गलत है। अगर ऐसा है तो इसकी जांच कराकर संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 


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