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ट्रिब्यूनल ने कड़ा रुख किया अख्तियार, ग्रीन बेल्ट में न हो अवैध निर्माण

ग्रीन बेल्ट पर अवैध निर्माण के लगातार मामले सामने आने पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने कड़ा रुख अख्तियार किया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 Jan 2019 11:42 AM (IST)Updated: Sun, 20 Jan 2019 11:42 AM (IST)
ट्रिब्यूनल ने कड़ा रुख किया अख्तियार, ग्रीन बेल्ट में न हो अवैध निर्माण

जेएनएन, बरेली : ग्रीन बेल्ट पर अवैध निर्माण के लगातार मामले सामने आने पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। इस पर शासन ने सूबे के सभी विकास प्राधिकरण अध्यक्ष, आवास विकास आयुक्त और जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर ग्रीन बेल्ट पर अवैध निर्माण पर पूरी तरह रोक लगाने को कहा है। इसके तहत प्राधिकरण उपाध्यक्ष से महायोजना में तय भू-उपयोग की जानकारी डीएम और निबंधन विभाग को तत्काल मुहैया कराने को कहा गया है। जिससे ग्रीन बेल्ट की जमीन पर अवैध निर्माण की रजिस्ट्री ही न हो। बरेली विकास प्राधिकरण ने सब रजिस्ट्रार ऑफिस में जानकारी मुहैया करा दी है। क्षेत्र में आने वाले गांव, खसरा और गाटा संख्या आदि की भी विस्तृत जानकारी एक-दो दिन में रजिस्ट्री ऑफिस को मुहैया करा दी जाएगी।

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हाईवे के दोनों ओर 140 मीटर सड़क

नियमानुसार हाइवे के बीच से दोनों ओर 140 मीटर का एरिया ग्रीन बेल्ट में आता है। प्राधिकरण की महायोजना के अनुसार शहरी क्षेत्र में रजऊ परसपुर बड़ा बाईपास मोड़ से फतेहगंज पश्चिमी टोल प्लाजा तक हाइवे के दोनों ओर का 140 मीटर एरिया ग्रीन बेल्ट में आता है।

बड़ा बाईपास बनने के बाद बढ़े कब्जे

शहर के विकास को बड़ा बाईपास ने तेजी से पंख दिए। इसके साथ ही बढ़ने शुरू हुई कब्जे। किसानों की जमीन को औने-पौने दामों पर लेकर तमाम कॉलोनाइजर और भू-माफि ने अवैध आवासीय कॉलोनी काटनी शुरू कीं। वहीं, छोटे-मोटे कॉम्पलेक्स व अन्य कॉमर्शियल एक्टिविटी भी शुरू हुई।

कोशिश अधूरी रहीं, नहीं थमे अवैध निर्माण

शहर के बाहरी हिस्से में ग्रीन बेल्ट एरिया में भी तमाम अवैध कॉलोनी पनपीं तो प्राधिकरण तक भी शिकायत पहुंची। हालांकि कभी राजनीतिक दखल तो कभी ढुलमुल रवैये की वजह से अवैध निर्माण पर रोकथाम नहीं हो सकी। उल्टे पिछले कुछ सालों में ये तेजी से बढ़े। शासन से आई चिट्ठी में भी इस निष्क्रियता के लिए सूबे के तमाम प्राधिकरणों को जिम्मेदार ठहराया गया है।

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शासन की ओर से पत्र मिलने के बाद रजिस्ट्री ऑफिस में महायोजना का प्लान भेजा जा चुका है। कुछ दिन में गांव की जमीन से जुड़ी अन्य जानकारी भी दी जाएगी। रजिस्ट्री पर रोक से अवैध निर्माण पर लगाम लगेगी।

- डॉ.सुरेंद्र कुमार पांडेय, उपाध्यक्ष, बरेली विकास प्राधिकरण


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