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अगर हम बुजुर्गों की खानकाहें-दरगाहें छोड़ते रहेंगे तो एक दिन हज जाना भी छोड़ देंगे

अजमेर शरीफ जाने के विवाद पर दरगाह शाह शराफत मियां के सज्जादानशीन शाह सकलैन मियां ने अपनी बात रखी।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Wed, 21 Nov 2018 12:31 PM (IST)Updated: Wed, 21 Nov 2018 04:07 PM (IST)
अगर हम बुजुर्गों की खानकाहें-दरगाहें छोड़ते रहेंगे तो एक दिन हज जाना भी छोड़ देंगे

बरेली(जेएनएन)। दरगाह शाह शराफत मियां के सज्जादानशीन शाह सकलैन मियां के खिताब में उर्स के लिए राजकीय इंटर कॉलेज मैदान न मिलने का मलाल साफ झलका। उन्होंने कहा कि मैदान न देने पर हमें प्रशासन के रवैये से शिकायत नहीं है। अफसोस है कि चंद लोगों की वजह से आज हजारों अकीदतमंद परेशानी उठा रहे हैं। नाम लिए बगैर उनका इशारा दरगाह आला हजरत की तरफ था। आज टोपियों को सिलसिले की पहचान बना दिया गया है। हर किसी को अलग-अलग टोपी से पहचाना जाने लगा है। अजमेर शरीफ जाने के विवाद पर भी अपनी बात रखी। बोले कि चंद खादिमों की वजह से हम अजमेर जाना नहीं छोड़ सकते। एलान किया कि हम सब अजमेर जाएंगे। ऐसे अगर हम बुजुर्गों की खानकाहें-दरगाहें छोड़ते रहेंगे तो एक दिन हज जाना भी छोड़ देंगे। दरअसल, उर्स-ए-रजवी के मंच से अजमेर न जाने के एलान के संदर्भ में वह अपनी बात रख रहे थे। मंगलवार को उर्स-ए-शाह शराफत मियां के कुल शरीफ की महफिल में खिताब करते हुए सज्जादानशीन ने यह बातें कहीं।

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वह भी नहीं पढ़ते तीनों कुल

सज्जादानशीन ने कहा कि हम पर इल्जाम लगते हैैं कि हम फातिहा में एक कुल नहीं पढ़ते हैं। जबकि हम कुरान के हर अक्षर से मुहब्बत करते हैं। बोले, आला हजरत और ताजुश्शरिया का शिजरा अलग है। वहां भी तीनों कुल नहीं पढ़े जाते लेकिन उनसे ऐसा नहीं करने पर कोई सवाल नहीं करता।

झूठ तो झूठ होता है

अकीदतमंदों को खिताब करते हुए शाह सकलैन मियां ने कहा कि झूठ छोटा हो या बड़ा, कोई बोले, वो झूठ होता है। झूठ बोलने वालों से दूर रहें। कुछ लोग अपनी शान बढ़ाने के लिए झूठ का सहारा ले रहे हैं।

तलाक पर हुकूमत की गलती नहीं

तीन तलाक पर सकलैनी मियां ने कहा कि मुसलमान तलाक से पहले मुफ्ती से सलाह नहीं लेते हैं। तलाक के बाद मुफ्ती के पास पहुंचते हैं। अब हुकूमत इस पर रोक लगा रही है तो उसमें उसकी गलती नहीं है। बल्कि हमारी गलती है जो हमने हुकूमत को मौका दिया।

कुल शरीफ में उमड़ा हुजूम

शाह शराफत मियां के कुल शरीफ में अकीदतमंदों का हुजूम उमड़ा। गलियां जाम हो गई हैं। कुल शरीफ से पहले तकरीर हुईं। महमूद हसन ने रसूल की जिंदगी पर रोशनी डाली। अदब के साथ ईद मिलादुन्नबी का जश्न मनाने का पैगाम दिया। मौलाना अनवार हुसैन ने बुजुर्गों से मुहब्बत का संदेश दिया। मुमताज मियां ने कहा कि उर्स के लिए जीआइसी मैदान न मिलने से जायरीन को परेशानी हुई है। इसके लिए हम शर्मिंदा हैं। एक जायरीन की मौत का मलाल है। सुबह 11 बजे कुल शरीफ हुआ। शाह सकलैन मियां ने मुल्क में अमन चैन और जायरीन के हक में दुआएं कीं। इस दौरान हाफिज गुलाम गौस, कारी आमिल, सलमान सकलैनी, गाजी मियां, मुंतखब मियां, मुनीर मियां, डॉ. महमुदुल हसन, मौलाना मुख्तार सकलैनी, हमजा सकलैनी आदि रहे।  


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