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आइईटी-शिक्षा विभाग की घटी कमाई, खर्च बढ़े

-घाटे में चल रहे विभाग विवि के लिए चिंता का विषय -शुक्रवार को कार्यपरिषद में रखा जाए

By JagranEdited By: Published: Fri, 30 Mar 2018 02:50 AM (IST)Updated: Fri, 30 Mar 2018 02:50 AM (IST)
आइईटी-शिक्षा विभाग की घटी कमाई, खर्च बढ़े
आइईटी-शिक्षा विभाग की घटी कमाई, खर्च बढ़े

जागरण संवाददाता, बरेली : रुहेलखंड विश्वविद्यालय कैंपस के द इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनिय¨रग एंड टेक्नोलॉजी (आइईटी) विभाग का सालाना खर्च बढ़ रहा है, जबकि कमाई लगातार घट रही है। इसी तरह कैंपस में शिक्षा एवं सहबद्ध विभाग की आमदनी भी लगातार घटती जा रही है। जोकि विश्वविद्यालय के लिए चिंता का विषय है।

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शुक्रवार को रुविवि की कार्यपरिषद की बैठक होगी। जिसमें वित्तीय समिति द्वारा पारित बजट मंजूरी के लिए रखा जाएगा। प्रस्तावित बजट में वर्ष 2018-19 में विवि की आय 150 करोड़ रुपये रखी गई है, जोकि मौजूदा वित्तीय वर्ष से दो करोड़ कम यानी 152 करोड़ है। अगले वित्त वर्ष में खर्च भी 13 करोड़ बढ़ेगा। प्रोफेसरों का कहना है कि विवि की कमाई का सबसे बड़ा जरिया प्रोफेशनल कोर्स हैं। कैंपस के इंजीनिय¨रग विभाग में लगातार दाखिले कम होते जा रहे हैं। इसके उलट इनका खर्च बढ़ रहा है। एक प्रोफेसर ने बताया कि आइईटी का खर्च 14 करोड़ के करीब है, जबकि आमदनी 12 करोड़ है। आमदनी और खर्च में सामंजस्य बिठाने के लिए विवि प्रशासन को आइईटी में शत-प्रतिशत प्रवेश कराने पर फोकस करना होगा। ओवर ऑल विवि का बजट संतुलित है। मगर कोई कोर्स लंबे समय तक घाटे में नहीं चलाया जा सकता है। कार्य परिषद में आमदनी बढ़ाने पर चर्चा हो सकती है। वित्त समिति से पारित बजट के अलावा प्रोफेसरों की भर्ती प्रक्रिया और प्रमोशन का मुद्दा भी रखा जाएगा। विवि के मीडिया प्रभारी डॉ. यशपाल सिंह का कहना है कि विवि प्रशासन इस पर गंभीरता से विचार कर रहा है। अगले सत्र में प्रवेश के लिए प्रचार-प्रसार को बेहतर किया जाएगा।


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