होम आइसोलेट संक्रमित भी ले सकेंगे चिकित्सकीय उपचार
जिले में 1226 से अधिक संकमित होम आइसोलेट हैं। ऐसे संक्रमितों की शिकायत है कि उन्हें देखने सुनने कोई नहीं आता है। ऐसे में उन्हें क्या सावधानियां बरतनी हैं इसकी जानकारी भी कोई नहीं द
बरेली, जेएनएन : जिले में 1226 से अधिक संकमित होम आइसोलेट हैं। ऐसे संक्रमितों की शिकायत है कि उन्हें देखने सुनने कोई नहीं आता है। ऐसे में उन्हें क्या सावधानियां बरतनी हैं इसकी जानकारी भी कोई नहीं देता। शासन से आदेश के बाद अब जो लोग होम आइसोलेशन में रह रहे, वह जरूरत पडऩे पर चिकित्सकीय सुविधाएं ले सकेंगे। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग और आइएमए ने रणनीति तैयार की है।
होम आइसोलेट बिना लक्षण वाले संक्रमितों की सुविधा के लिए चिकित्सकीय सुविधा उपलबध कराने की रणनीति पर लगभग मुहर लग चुकी है। जल्द ही इसे शुरू कराया जाएगा। सीएमओ डा. विनीत कुमार शुक्ला और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की बैठक में तय हुआ कि संक्रमितों तक पहुंचने के लिए एक कंट्रोल रूम बनाया जाए। जहां संक्रमित व्यक्ति फोन कर अपनी लोकेशन देगा, इसके बाद उसे संबंधित चिकित्सक के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसके बाद संबंधित चिकित्सक का स्टाफ खुद जाकर या वीडियो कॉल के माध्यम से संक्रमित व्यक्ति की समस्या सुनकर उसका निदान करेंगे।
दो तरह के होंगे पैकेज
बिना लक्षण वाले संकमित व्यक्ति के लिए दो तरह के पैकेज रखे गए हैँ। यह पैकेज 17 दिन के लिए होंगे। एक पैकेज 11 हजार व दूसरा 22 हजार रुपये तक का होगा। इसमें दवा, पल्स आक्सीमीटर, थर्मल स्कैनर समेत अन्य सामान भी दिया जाएगा। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने अभी इन पैकेज पर मुहर नहीं लगाई है। पैकेज को कुछ और कम रुपये में उपलबध कराने का प्रयास है।
17 दिन तक संपर्क में रहेगी टीम
पैकेज लेने के बाद होम आइसोलेट व्यक्ति अगर चिकित्सकीय सुविधा चाहता है तो उसे पैकेज चुनना होगा। इसके बाद 17 दिन तक उनके चिकित्सक की टीम संक्रमित व्यक्ति के सपंर्क में रहेगी। सुबह के नाश्ते और दवा से लेकर रात के सोने तक का ख्याल रखा जाएगा। मतलब घर में ही अस्पताल जैसी देखभाल की जाएगी।
किसने क्या कहा
होम आईसोलेट हुए संक्रमित व्यक्ति को उचित इलाज मिल सके लिए इसके लिए आइएमए के साथ बैठक की गई है। निजी खर्च पर पैकेज के माध्यम से इलाज शुरु करने की कवायद जल्द शुरू की जाएगी। प्रयास है इसी सप्ताह से इसे अमल लाया जाए। - डॉ. विनीत कुमार शुक्ला, सीएमओ
होम आइसोलेट हुए लोगों के लिए सोशल प्लेटफार्म और टेलिफोनिक माध्यम से इलाज दिया जाएगा। इसके लिए चिकित्सकों को उत्साहित किया जा रहा है। वीडियो कॉल या फोन के माध्यम से मरीज की बीमारी जानी जाएगी। इसी आधार पर उनका उपचार शुरू किया जाएगा। जिला प्रशासन और आइएमए इसे जल्द शुरू कराने के प्रयास में है। -डा. राजेश अग्रवाल, अध्यक्ष, आइएमए