खेल जगत के प्रतिष्ठित पुरस्कार अर्जुन अवार्ड के लिए हाकी के हीरो पीलीभीत के सिमरनजीत का चयन
Hockey hero Simranjeet of Pilibhit Selected for Arjuna Award हाकी के हीरो सिमरनजीत सिंह ने एक और सफलता प्राप्त की है। टोक्यो ओलंपिक पुरुष हाकी में चार दशक बाद पदक जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले इस खिलाड़ी की उपलब्धि पर जिला पीलीभीत अपने को गौरवान्वित महसूस कर रहा।
बरेली, जेएनएन। Hockey hero Simranjeet of Pilibhit Selected for Arjuna Award : हाकी के हीरो सिमरनजीत सिंह ने एक और सफलता प्राप्त की है। टोक्यो ओलंपिक पुरुष हाकी में चार दशक बाद पदक जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले इस खिलाड़ी की उपलब्धि पर तराई का जिला पीलीभीत अपने को गौरवान्वित महसूस कर रहा है। उन्हें खेल जगत के प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। इसकी सूचना मिलते ही उनके गांव मझारा फार्म में जश्न का माहौल है। सिमरनजीत बुधवार की रात में बेंगलुरु से घर आ गए। ऐसे में परिवार की खुशी दोगुनी हो गई। दादी गुरमीत कौर ने लाडले पौत्र को गले से लगा लिया। माता-पिता और छोटे भाई को भी इस नई उपलब्धि पर गर्व है।
सिमरनजीत में हाकी के प्रति बचपन से ही जुनून रहा है। मां मंजीत कौर बताती हैं कि उनका यह बड़ा बेटा बचपन में बहुत शरारत करता था। जिद करके पिता से हाकी और गेंद मंगवा ली थी। घर के बाहर और खेत पर हाकी खेला करता था। जब उनके साथ बरेली जिले के बहेड़ी क्षेत्र में ननिहाल जाता, तो अपनी हाकी और गेंद साथ ले जाना नहीं भूलता। वर्ष 2006 में पंजाब से उसके ताऊ रक्षपाल सिंह घर आए थे। उन्होंने जब बालक सिमरनजीत में हाकी के प्रति अधिक लगाव देखा तो अपने साथ लेकर चले गए। इसके बाद सिमरनजीत ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
पंजाब में हाकी का प्रशिक्षण लिया। यहीं से प्रतियोगिताओं में भागीदारी शुरू कर दी। उसकी मेहनत और लगन से सफलता कदम चूमने लगी। देखते ही देखते वह भारतीय जूनियर हाकी टीम में चुन लिया गया। देश-विदेश में कई मैच खेले और अपने उत्कृृष्ट प्रदर्शन की बदौलत टीम को जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारतीय सीनियर पुरुष हाकी टीम में चयनित होने का यही आधार बना। विगत जुलाई में जापान के टोक्यो ओलंपिक के लिए भारतीय पुरुष हाकी टीम में भी सिमरनजीत का चयन हुआ। कई दशकों बाद टोक्यो ओलंपिक के पुरुष हाकी में भारत को पदक प्राप्त हो सका।
उसमें भी सिमरनजीत के प्रदर्शन की सराहना की गई। टोक्यो ओलंपिक से लौटने के कुछ दिन बाद ही सिमरनजीत यहां अपने घर आए थे। तब शहर से लेकर गांव मझारा फार्म तक उनका ऐतिहासिक स्वागत हुआ था। अब अर्जुन पुरस्कार के लिए चयनित किए जाने के बाद सिमरनजीत एक बार फिर अपने परिवार के बीच पहुंच चुके हैं। बुधवार की रात बंगलुरू से उनका यहां आगमन हुआ। उनका छोटा भाई अर्शजीत सिंह भी दीपावली मनाने के लिए आस्ट्रेलिया से आ चुके हैं। पूरे परिवार में खुशी का माहौल है। अर्जुन पुरस्कार के लिए चयनित होने पर परिवार में जश्न का माहौल है। सभी ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर इस खुशी को साझा किया। दादी गुरमीत कौर ने तो अपने इस लाडले पौत्र को गले से लगा लिया। माता मंजीत कौर और पिता इकबाल सिंह भी बड़े बेटे की उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहे हैं।