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Lockdown Railway Update : ट्रेन से सड़क तक बेबस प्रवासी, कर रहे मुश्किलों का सामना

गुजरात मुंबई हरियाणा और पंजाब से ट्रेनों के जरिये अपने घरों को जा रहे प्रवासी कामगार रेलवे में विभागीय समन्वय के अभाव में दो-तीन दिन की यात्रा सप्ताह भर में पूरी नहीं कर पा रहे।

By Ravi MishraEdited By: Published: Tue, 26 May 2020 07:49 PM (IST)Updated: Wed, 27 May 2020 06:17 PM (IST)
Lockdown Railway Update : ट्रेन से सड़क तक बेबस प्रवासी, कर रहे मुश्किलों का सामना

बरेली, जेएनएन। गुजरात, मुंबई, हरियाणा और पंजाब से ट्रेनों के जरिये अपने घरों को जा रहे प्रवासी कामगार रेलवे में विभागीय समन्वय के अभाव में दो-तीन दिन की यात्रा सप्ताह भर में भी पूरी नहीं कर पा रहे हैं। थोड़ा तह में जाने पर पता चला कि रेलवे का परिवहन और जिले के प्रशासनिक अधिकारियों से भी कोई समन्वय और सामंजस्य नहीं है। लिहाजा बेबस प्रवासी ट्रेन से लेकर सड़क तक यात्रा में तकलीफ उठाने को विवश हैं।

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अव्यवस्था के कारणों पर पड़ताल की गई तो दुखद तस्वीर सामने आई। प्रशासनिक और परिवहन अधिकारियों की मानें तो उन्हें रेलवे की तरफ से इस बात की भी सटीक जानकारी नहीं दी जाती कि किस ट्रेन से कितने यात्री, किस गंतव्य के लिए आ रहे हैं? ऐसे में व्यवस्था करने में ही दिक्कत आती है। परिवहन के अधिकारियों का कहना है कि बसें 200 यात्रियों के लिए लगाई जाती हैं और ट्रेन से कभी 20 कभी एक भी प्रवासी नहीं उतरते हैं। बिना पूर्व जानकारी के ट्रेनों का रूट भी बदल दिया जाता है।

इससे किसी गंतव्य के यात्री किसी दूसरे गंतव्य तक पहुंच जा रहे हैं। दूसरे गंतव्य पर व्यवस्था करने में दिक्कत अलग से हो जाती है। ऐसे में यात्रियों को सुविधाएं नहीं मिलतीं तो उनका गुस्सा भी फूट पड़ रहा है।रात स्टेशन पर ही काटी मंगलवार को दिल्ली से देवरिया सदर श्रमिक स्पेशल को सोमवार रात 9.20 पर जंक्शन पहुंचना था। जो रात 12.55 पर पहुंची। इस ट्रेन से कुल 21 प्रवासी उतरे। इन्हें रात स्टेशन पर ही काटनी पड़ी। देर से आई, व्यवस्था नहीं हो पाई जालंधर से गोरखपुर श्रमिक स्पेशल अपने निर्धारित समय 6.40 से एक घंटा देरी से 7.48 पर जंक्शन पहुंची। इस ट्रेन से कुल 175 प्रवासी उतरे। इन प्रवासियों को भी चार घंटे जंक्शन पर बैठना पड़ा। बाद में उन्हें रोडवेज बसों से इन्हें भेजा गया।

क्या कहते हैं अधिकारी

रेलवे शुरुआत में प्रवासियों की संख्या देती थी। जिसके आधार पर बसें तैयार रहती थीं। लेकिन पिछले कई दिनों से केवल ट्रेनों की जानकारी दी जाती है। सोमवार रात में 29 बसें खड़ी की गई थी। लेकिन केवल 21 सवारी अलग-अलग जनपदों की आईं। - भुवनेश्वर कुमार, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक रुहेलखंड डिपो

अधिकांश मामलों में कितने यात्री किस गंतव्य के लिए बोगियों में सवार हैं, हमें पता नहीं होता। ऐसे में संकट होता है कि हम 200 प्रवासियों के लिए तैयारी करें या बीस। - महेंद्र कुमार सिंह, अपर जिलाधिकारी नगर

लगातार श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन बढ़ाया जा रहा है। सबसे अधिक लोड मुरादाबाद-लखनऊ रूट पर है। ऐसे में ट्रेनों की टाइमिंग व नंबर दिया जा रहा है। इन ट्रेनों से उतरने वाले प्रवासियों की संख्या नहीं मिल पा रही है। इसके लिए मंडल के अधिकारियों को जानकारी दे दी गई है। केवल खाना-पानी दिए जाने वाली ट्रेन में प्रवासियों की संख्या मिल पा रही है। - संजीब दुबे, मुख्य वाणिज्य निरीक्षक बरेली जंक्शन 


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