नए साल 2022 की शुरुआत जानिए लोगों ने कैसे की, शीतलहर के बीच लोगों ने क्या-क्या किया
Welcome New Year 2022 लोगों ने नए साल के पहले दिन की शुरुआत मंदिर में भगवान के दर्शन करके की। मंदिरों में पूजन करके ओमिक्रोन से देश-दुनिया को सुरक्षित रखने की प्रार्थना की। पीलीभत के सिद्धपीठ यशवंतरी देवी मंदिर और गौरीशंकर मंदिर में भक्तों की भीड़ बढ़ गई।
बरेली, जेएनएन। Welcome New Year 2022 : नए साल का स्वागत करने के लिए रात में लोग ज्यादा जश्न नहीं मना सके क्योंकि, कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन की दहशत अभी बरकरार है। साथ ही शासन ने नाइट कर्फ्यू भी लगा दिया है। इसके चलते रात में लोग नए साल के स्वागत का जश्न नहीं मना सके। बस घर पर ही बैठकर टीवी पर कार्यक्रमों का आनंद लिया। लेकिन, सुबह होते ही लोगों ने नए साल के पहले दिन को खास बनाने के लिए कुछ खास किया। बात बरेली मंडल के जिलों की करें तो यहां के चारों जिले बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर और बदायूं में सुबह मंदिरों में काफी भीड़ रही। लोगों ने नए साल के पहले दिन की शुरुआत मंदिर में भगवान के दर्शन करके की। मंदिरों में पूजन करके ओमिक्रोन से देश-दुनिया को सुरक्षित रखने की प्रार्थना की।
पीलीभीत शहर में तमाम लोगों ने नए साल पर अपनी दिनचर्या की शुरुआत मंदिरों में दर्शन पूजन के साथ शुरू की। सुबह से ही लोग मंदिरों में पहुंचने लगे। लोगों ने मंदिरों में विधि विधान से पूजन कर इस नए साल में कोरोना जैसी महामारी से मुक्ति दिलाने की प्रार्थना की। शनिवार को सुबह होते ही लोग सिद्ध पीठ यशवंतरी देवी मंदिर, गौरीशंकर मंदिर, अर्द्ध नारीश्वर शिव मंदिर, दुग्धेश्वर महादेव मंदिर, ब्रह्मचारी घाट स्थित मनकामेश्वर नाथ मंदिर सहित अन्य मंदिरों में पहुंचने लगे। सिद्धपीठ यशवंतरी देवी मंदिर और गौरीशंकर मंदिर में दिन चढ़ने के साथ ही भक्तों की भीड़ बढ़ गई।
दर्शन पूजन के लिए भक्तों की लंबी कतारें लगी रहीं। तमाम लोग पूरे परिवार के साथ मंदिरों में पहुंचे। इसके अलावा शुक्रवार को देर रात तक विभिन्न साधनों से लोगों का टनकपुर रवाना होने का सिलसिला भी चलता रहा। तमाम लोग नए साल की शुरूआत माता पूर्णागिरि के दर्शन के साथ करते हैं। सिर्फ शहर से ही नहीं बल्कि जिले के विभिन्न स्थानों से लोग पूर्णागिरि के लिए रवाना हुए हैं। साइकिल और बाइक सवार जत्थों के अलावा रोडवेज की बसों तथा निजी वाहनों से भी लोग पूर्णागिरि माता के दर्शन करने रवाना हुए। अनेक लोगों ने माधोटांडा में गोमती उद्गम स्थल पर पहुंचकर पूजा अर्चना की।