2019 : पुलों के काम अटके, हाईवे ने दिए खूब झटके Bareilly News
शासन ने भरपूर बजट भी दिया। जनप्रतिनिधि अधिकारी तमाम दावे करते रहे मगर विकास के कागजों से बाहर निकलने की गति बेहद धीमी रही। निर्माणाधीन पुलों का काम रफ्तार नहीं पकड़ सका।
जेएनएन, बरेली : एक साल और बीता। विकास और विकास की बातें खूब हुई। शासन ने भरपूर बजट भी दिया। जनप्रतिनिधि, अधिकारी तमाम दावे करते रहे मगर विकास के कागजों से बाहर निकलने की गति बेहद धीमी रही। निर्माणाधीन पुलों का काम रफ्तार नहीं पकड़ सका। कुछ में अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) के कांटे फंसे रहे। वहीं अधूरे पड़े बरेली-सीतापुर हाईवे ने भी खूब झटके दिए। प्रधानमंत्री कार्यालय से दबाव पड़ा तो भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने टेंडर किया। काम अभी तक शुरू नहीं हुआ। पुलों व हाईवे के हाल पर नजर डालती रिपोर्ट।
लालफाटक ओवरब्रिज के लिए सेना की अनापत्ति न मिलने से अटका रोड़ा
सपा सरकार ने मार्च 2014 में लालफाटक ओवरब्रिज की मंजूरी दी थी। कांधरपुर बाजार से उठने वाला पुल कैंट क्षेत्र में उतरना है। इसके लिए सेना की करीब 65 सौ वर्ग मीटर भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। पुल के एस्टीमेट में भूमि अधिग्रहण के लिए 8.53 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था। शुरुआत में रेलवे से भी प्रोजेक्ट पास नहीं हो पाया था। भाजपा सरकार में रकम मिलने के बाद जुलाई 2017 में पुल का निर्माण कांधरपुर बाजार की ओर से शुरू हुआ। पुल निर्माण में तमाम अड़चनों के कारण निर्माण पूरा करने का समय मार्च 2020 कर किया गया। सेना की एनओसी नहीं मिलने के कारण अब तक पुल का निर्माण अधूरा पड़ा है।
मंजूरी : मार्च
वित्तीय स्वीकृति : मार्च 2016
निर्माण शुरू : जुलाई 2017
काम पूरा करने का समय : मार्च 2020
कुल लंबाई : 955 मीटर
स्वीकृत निर्माण लागत : 84 करोड़
सेतु निगम का भाग - 49 करोड़
कुल पिलर संख्या : 36
सेना की भूमि पर प्रस्तावित पिलर : 12
प्रस्तावित सेना की भूमि अधिग्रहण : 6500 वर्ग मीटर
पुल में दोनों तरफ कुल लेन : फोरलेन
एक लेन की चौड़ाई : 7.50 मीटर
अब तक निर्माण की स्थिति : 65 फीसद
चौपुला पुल में पुलिस ने नहीं दी एनओसी
चौपुला चौराहे पर थ्री लेन के नए ओवरब्रिज निर्माण को शासन ने अक्टूबर 2018 में 66 करोड़ रुपये मंजूर कर आठ करोड़ की पहली किश्त जारी की थी। पुल पुलिस लाइंस के गेट से शुरू होकर सिटी सब्जी मंडी से पहले उतरेगा। पुल की लंबाई करीब 780 मीटर होगी और यह पुल सड़क से करीब छह मीटर ऊंचा होगा। ओवरब्रिज के बीच से अयूब खां चौराहे की ओर करीब 280 मीटर का छोटा टू लेन पुल बनेगा। वही, पुलिस लाइंस की ओर से आने वाले वाहनों को बदायूं मोड़ने को थ्री लेन ओवरब्रिज के बीच से 84 मीटर का टू लेन पुल बनेगा। सेतु निगम ने अयूब खां चौराहे की सड़क, पुलिस लाइंस के सामने पाइलिंग का काम पूरा कर लिया है। सिटी स्टेशन की ओर से पाइलिंग का काम चल रहा है। बीते दिनों वन विभाग की एनओसी भी मिल गई, लेकिन पुलिस मुख्यालय से अब तक एनओसी नहीं मिल पाई है। इस कारण बदायूं की ओर ब्रांच पुल का काम शुरू नहीं हो पा रहा है।
आइवीआरआइ पुल का रेलवे नहीं कर सका काम
सपा सरकार में मार्च 2016 में आइवीआरआइ रेलवे क्रासिंग पर ओवरब्रिज को मंजूरी मिली थी। इसके लिए शासन ने 38 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया था। इसमें रेलवे के हिस्से में करीब दस करोड़ रुपये और सेतु निगम को 28 करोड़ रुपये खर्च करने थे। जुलाई 2018 में रेलवे ने वहां पुल के दोनों ओर अंडरपास की जरूरत बताते हुए एस्टीमेट रिवाइज करवाया। 54 करोड़ के रिवाइज एस्टीमेट की शासन से मंजूरी भी मिल गई। इसमें रेलवे का हिस्सा करीब 19 करोड़ हो गया। रेलवे ने करीब छह माह पहले वहां अंडरपास का काम शुरू किया। अंडरपास शुरू कर दिए हैं, लेकिन रेलवे ने पुल का काम शुरू भी नहीं किया है। सेतु निगम अपने हिस्से का काम पूरा कर चुका है।
सेटेलाइट तिराहे पर साल के आखिर में मिल पाई है एनओसी
शासन ने अक्टूबर 2018 में सेटेलाइट तिराहे पर बरेली-लखनऊ रोड पर ओवरब्रिज मंजूर किया था। 26.78 करोड़ रुपये स्वीकृत किए। सेतु निगम ने दिसंबर 2018 में निर्माण शुरू किया तो वन संरक्षित भूमि होने के कारण काम रोकना पड़ा। सेतु निगम ने अनुमति के लिए वन विभाग को आवेदन किया और शाहजहांपुर की ओर से काम शुरू कराया। करीब 11 महीने बाद वन विभाग की एनओसी मिली। दो महीने पहले सेतु निगम ने रिवाइज एस्टीमेट शासन को मंजूरी के लिए भेजा है। इसमें निर्माणाधीन पुल के ऊपर से हाईटेंशन लाइन हटाने के लिए करीब पांच करोड़ और पीलीभीत की ओर ब्रांच पुल बनाने के लिए करीब 12 करोड़ का एस्टीमेट शामिल है। पुल का टी आकार किया गया है।
ओवरब्रिज एक नजर में
लागत : 64 करोड़
आकार : थ्री लेन ओवरब्रिज, दो ब्रांच पुल
लंबाई : 780 मीटर
ऊंचाई: छह मीटर
ब्रांच पुल (अयूब खां चौराहे की ओर): 280 मीटर
ब्रांच पुल (बदायूं की ओर) : 84 मीटर
कार्य प्रगति: 45 फीसद
एक नजर में
पुल की मंजूरी : मार्च 2016
पुल की लागत : 38 करोड़
एस्टीमेट रिवाइज : 54 करोड़
अंडरपास निर्माण शुरू : अप्रैल 2019
अंडरपास शुरू : अक्टूबर 2019
कार्य प्रगति : 95 फीसद
मंजूरी: अक्टूबर 2018
निर्माण शुरू: दिसंबर 2018
प्रारंभिक लागत: 26.78 करोड़
लंबाई: 670 मीटर
रिवाइज एस्टीमेट (हाईटेंशन): 31.78 करोड़
रिवाइज एस्टीमेट (ब्रांच पुल): 43.78 करोड़
वन विभाग से एनओसी: नवंबर 2019
कार्य प्रगति : 50 फीसद
हाईवे निर्माण को 812 करोड़ मंजूर, नहीं हुआ काम
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने पीपीपी मॉडल के तहत 22 जून 2010 को बरेली हाईवे प्रोजेक्ट लिमिटेड कंपनी (बीएचपीएल) के साथ सड़क बनाने का अनुबंध किया था। करीब 157 किलोमीटर लंबे मार्ग का निर्माण को 2600 करोड़ की लागत स्वीकृत हुई। कंपनी ने अपनी कार्यदायी संस्था इरा इंफ्रा इंजीनियरिंग लिमिटेड नोएडा से काम कराया। करीब डेढ़ साल पहले कंपनी काम बंद कर फरार हो गई। इस पर इरा कंपनी को बर्खास्त कर 55 करोड़ की जमानत राशि जब्त की। एनएचएआइ ने दोबारा सर्वे कर बचे हुए व खराब मार्ग को बनाने के लिए 767 करोड़ रुपये की मंजूरी दी। इसके लिए नौ अक्टूबर को टेंडर खोला गया। आगरा की राज कारपोरेशन लिमिटेड कंपनी को काम दिया गया। फतेहगंज पूर्वी स्थित हुलासनगरा क्रासिंग पर ओवरब्रिज के लिए 45.23 करोड़ रुपये स्वीकृत हैं। बीते दिनों टेंडर खुला है, लेकिन अब तक कार्यदायी संस्था तय नहीं हुई है।
प्रोजेक्ट एक नजर में
हुलासनगरा क्रॉसिंग बजट: 45.23 करोड़
टेंडर हुआ: पांच दिसंबर 2019
रेलवे ब्रिज: चार
बड़े पुल: आठ
छोटे पुल: 14
ग्रेड सेपरेटर: पांच
व्हीकल अंडर पास : 20
पैदल अंडर पास: 11
बॉक्स कॉलवर्ट: 70
पाइप की पुलिया : 120
प्रोजेक्ट : बरेली-सीतापुर मार्ग
लंबाई : 157 किलोमीटर
लागत : 2601 करोड़
कार्य शुरू : एक मार्च 2011
तय समय: 30 माह
कार्यदायी संस्था: बरेली हाईवे प्रोजेक्ट लिमिटेड
भूमि अधिग्रहण: 425 हेक्टेयर
कार्य बंद रहा: जुलाई 2013 से मई 2014
मरम्मत पर खर्च: 22 सौ करोड़
कार्य प्रगति: 80 फीसद
कार्य बंद: मार्च 2018 से
बचा काम मंजूर: जुलाई 2019
बचे काम की रकम: 767 करोड़
टेंडर हुआ: अक्टूबर 2019
कार्यदायी संस्था: आगरा की राज कारपोरेशन लिमिटेड कंपनी
नकटिया पुल के लिए नहीं कट पाए पेड़
शासन ने अक्टूबर 2018 में बरेली-शाहजहांपुर रोड पर स्थित नकटिया नदी पर अतिरिक्त टू-लेन पुल की मंजूरी दी थी। करीब 70 मीटर लंबे इस पुल के लिए 5.50 करोड़ रुपये का बजट पास किया गया। सेतु निगम ने पुल का निर्माण शुरू करवाया लेकिन वन संरक्षित भूमि का पेच फंस गया। काम रुक गया। वन विभाग से अनुमति मिलने के बाद वहां पेड़ काटने के लिए रकम सेतु निगम ने दे दी है।
बीसलपुर रोड पर फोरलेन पुल का एक भाग ही बना
बरेली से बीसलपुर (पीलीभीत) को जोड़ने वाले मुख्य मार्ग पर नकटिया नदी पर फोरलेन पुल का प्रस्ताव साल भर पहले शासन ने मंजूर किया था। शासन ने 70.88 मीटर लंबे पुल के लिए 12.59 करोड़ रकम स्वीकृत की। सेतु निगम ने नवंबर 2019 में कुआं फाउंडेशन के जरिए पुल के एक भाग को पूरा कर दिया है। दो लेन पुल पर वाहनों की आवाजाही भी शुरू हो गई है। दूसरे हिस्से में ऊपर हाईटेंशन लाइन आने के कारण कार्य धीमा हुआ है। इसके लिए रकम विद्युत निगम को दे दी गई है।