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सरकारी स्कूल के गुरुजी की आधुनिक 'पाठशाला'

प्राइमरी स्कूलों के शिक्षक ने पढ़ाई के लिए परंपरागत से अलग रोचक आसान व आधुनिक तरीका निकाला। दमखोदा ब्लॉक के प्राइमरी स्कूल गुलड़िया अताहुसैन के सहायक अध्यापक डीएन मिश्रा ने लॉकडाउन के खाली समय का उपयोग इस कार्य के लिए किया। उन्होंने किताब लिखी जिसका नाम रखा पाठशाला।

By JagranEdited By: Published: Sun, 14 Jun 2020 02:10 AM (IST)Updated: Sun, 14 Jun 2020 02:10 AM (IST)
सरकारी स्कूल के गुरुजी की आधुनिक 'पाठशाला'
सरकारी स्कूल के गुरुजी की आधुनिक 'पाठशाला'

बरेली, अखिल सक्सेना : प्राइमरी स्कूलों के शिक्षक ने पढ़ाई के लिए परंपरागत से अलग रोचक, आसान व आधुनिक तरीका निकाला। दमखोदा ब्लॉक के प्राइमरी स्कूल गुलड़िया अताहुसैन के सहायक अध्यापक डीएन मिश्रा ने लॉकडाउन के खाली समय का उपयोग इस कार्य के लिए किया। उन्होंने किताब लिखी, जिसका नाम रखा 'पाठशाला'। 60 पेज की इस किताब के 45 पेज और उसके वीडियो तैयार हो चुके हैं। इसके हर चैप्टर पर क्यूआर कोड है। स्मार्ट फोन से इसे स्कैन करते ही संबंधित चैप्टर का वीडियो खुल जाएगा। जिसमें वे बच्चों को गणित का भिन्न, जोड़, घटाना, गुणा-भाग से लेकर घनमूल और वर्गमूल आसानी से पढ़ाते-देखते नजर आएंगे। किताब तैयार होते ही इसे शिक्षकों में निश्शुल्क वितरित करेंगे ताकि वे इसके जरिये बच्चों को आसानी से पढ़ा सकें।

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डीएन मिश्र बताते हैं कि सरकारी स्कूलों के बच्चे गणित का कैलकुलेशन करने में कमजोर होते हैं। सरकारी किताबों के फामूर्लों भी आसान नहीं कहा जा सकता। इसलिए मैंने सोचा कि अगर बच्चों को बिल्कुल आसान तरीके से गणित पढ़ाने की तकनीक निकाली जाए। लॉकडाउन की छुट्टी में कक्षा एक से पांच के लिए गणित की किताब लिखनी शुरू की। हर चैप्टर को समझाते हुए वीडियो भी बनाया। जिसे क्यूआर कोड से जोड़ा जाएगा।

डीएन मिश्र गणित से परास्नातक व बीएड हैं। कहते है कि क्यूआर कोड बनाना उन्होंने यू ट्यूब से सीखा। अब एप के जरिये संबंधित चैप्टर के क्यूआर कोड जेनरेट कर लेते हैं।

नंबर देखकर बच्चे बता सकेंगे घनमूल, वर्गमूल

वह बताते हैं कि किताब में भिन्न का जोड़-घटना वैदिक विधि से बताया गया है। वर्ग और वर्गमूल, घन और घनमूल तो बिना कैलकुलेशन ही बच्चे अंक देख कर बता सकेंगे। दशमलव, आवर्ती दशमलव को भी आसानी से समझाने का प्रयास किया गया है। इसमें शार्टकट में उत्तर जानने की विधि भी बनाई गई है।

20 स्कूलों में दीवारों पर चस्पा करेंगे क्यूआर कोड

इस किताब का फायदा ब्लॉक के स्मार्ट क्लास वाले 20 अन्य स्कूलों को भी होगा। किताब के क्यूआर कोड के पोस्टर इन स्कूलों की क्लास में शिक्षकों की मदद से चस्पा किया जाएगा। शिक्षक इसे स्मार्ट फोन से स्कैन करके बच्चों को पढ़ाने के तरीके वीडियो के जरिये भी दिखा सकेंगे।


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