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Women Empowerment : यहां लड़कों से ज्यादा उच्च शिक्षा हासिल कर रहीं लड़कियां Bareilly News

उच्च शिक्षा में लड़कियों की भागीदारी बढऩा सबसे बड़ा और जरूरी बदलाव है। आने वाले कुछ सालों में समाज में इसका सकारात्मक असर दिखेगा।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Wed, 28 Aug 2019 02:30 PM (IST)Updated: Wed, 28 Aug 2019 10:49 PM (IST)
Women Empowerment : यहां लड़कों से ज्यादा उच्च शिक्षा हासिल कर रहीं लड़कियां Bareilly News

बरेली, जेएनएन : काबिलियत के बूते सफलता का शिखर छूती बेटियों की पढ़ाई को लेकर समाज के नजरिये में बड़े बदलाव का संकेत नजर आया है। रुहेलखंड परिक्षेत्र यानी बरेली-मुरादाबाद मंडल के नौ जिलों के डिग्री कॉलेजों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के आंकड़ों से ऐसी ही तस्वीर उभरती है। यहां उच्च शिक्षा में लड़कियों की संख्या में लड़कों के सापेक्ष 6,000 की अभूतपूर्व बढ़ोत्तरी हुई है। यह आंकड़े परिक्षेत्र में बेटियों की शिक्षा को लेकर बदलाव का गवाह हैं। 

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एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय से संबद्ध बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, बदायूं, रामपुर, मुरादाबाद, सम्भल, बिजनौर और अमरोहा में 545 डिग्री कॉलेज हैं। इनमें कुल 5,72,049 विद्यार्थी पंजीकृत हैं। इसमें छात्रों की संख्या 2,83,041 है, जबकि छात्राएं 2,89,008 हैं। आंकड़े बता रहे हैं कि लड़कों की अपेक्षा लड़कियां 5967 अधिक हैं।

एमजेपी रुविवि में डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर (डीएसडब्ल्यू) प्रोफेसर एके जेटली ने यह रिपोर्ट तैयार की है। उनका मानना है कि उच्च शिक्षा में लड़कियों की भागीदारी बढऩा सबसे बड़ा और जरूरी बदलाव है। आने वाले कुछ सालों में समाज में इसका सकारात्मक असर दिखेगा। क्योंकि शिक्षित महिलाएं अपने परिवार को अच्छी शिक्षा दिलाकर उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोडऩे की अलंबरदार बनेंगी।

आठ साल में बदली तस्वीर
वर्ष 2019 में छात्राओं की पढ़ाई की यह तस्वीर साल 2011 तक थोड़ी धुंधली नजर आती है। केवल बरेली जिले में 2011 की जनगणना के आधार पर देखें तो आज के हाल पर थोड़ा सुकून पाएंगे। इसलिए क्योंकि इसमें 67.50 पुरुष फीसद और महिलाएं 48.30 फीसद ही शिक्षित हैं। आठ साल बाद कम से कम उच्च शिक्षा में ही सही बेटियों की पढ़ाई में बढ़ोत्तरी दर्ज हुई है।

इसलिए बदला नजरिया
रुविवि में लॉ के विभागाध्यक्ष डॉ. अमित सिंह का मानना है कि पिछले कुछ समय में लड़कियों ने हर क्षेत्र में सफलता का परचम लहराया है। चाहें देश की प्रतिष्ठित सिविल सेवा हो या फिर विज्ञान, टेक्नोलॉजी, न्यायिक सेवा, बोर्ड या फिर यूनिवर्सिटी का परीक्षा। हर जगह वे शानदार सफलता पा रही हैं। इसलिए समाज भी उन्हें आगे बढऩे के लिए शिक्षित कर रहा है। रुविवि में मैनेजमेंट के डीन प्रो. पीबी सिंह इस तस्वीर पर खुशी जताते हुए कहते हैं कि माता-पिता अब बेटी-बेटी दोनों को शिक्षित करने पर जोर दे रहे हैं। आंकड़े इसकी गवाही दे रहे हैं।

56 लड़कियां बनीं विवि टॉपर
रुविवि की शैक्षिक सत्र 2018-19 की परीक्षा में 84 टॉपर बने हैं। इसमें लड़कियां की संख्या 56 है। दो सितंबर को दीक्षा समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्य अतिथि स्वामी चिदानंद इन्हें गोल्ड मेडल देकर सम्मानित करेंगे।

उच्च शिक्षा प्राप्त करने में लड़कियों की संख्या में बढ़ोत्तरी समाज और विवि दोनों के लिए सुखद संदेश है। उम्मीद है कि रुहेलखंड परिक्षेत्र से शुरू हुआ बदलाव का यह सिलसिला बेटियों की शिक्षा के लिए बंद दरवाजे भी खोलेगा। -प्रो. अनिल शुक्ल, कुलपति रुविवि  


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