मोबाइल गेम हारने से डिप्रेशन में आई आठवीं की छात्रा ने किया सुसाइड
बरेली (जेएनएन)। कुर्माचल नगर में आठवीं कक्षा की छात्रा ने केरोसिन छिड़क कर खुद को आग लगा ल
बरेली (जेएनएन)। कुर्माचल नगर में आठवीं कक्षा की छात्रा ने खुद पर केरोसिन डालकर कर आग लगा ली। घटना के वक्त छात्रा घर में अकेली थी। खुदकशी के पीछे की वजह साफ अभी तक साफ नहीं हो पाई। शुरुआती जांच में पता चला है कि वह मोबाइल पर एक गेम खेल रही थी। उसी के बाद कमरे में जाकर आत्मदाह कर लिया। पता किया जा रहा है कि यह गेम किस तरह का था। पुलिस इस आधार पर भी जांच कर रही है। मोबाइल को बारीकी से चेक करने और पूछताछ के बाद स्थिति साफ हो सकेगी।
इज्जतनगर के कुर्माचल नगर निवासी रवि कुमार एयरफोर्स में तैनात हैं। उनकी पत्नी स्वेता टीचर हैं। दोपहर में दोनों लोग अपनी-अपनी ड्यूटी गए हुए थे। घर पर बेटी वंशिका उर्फ पीहू (14 वर्ष) व छोटा बेटा धैर्य (8 वर्ष) मौजूद थे। दोपहर में धैर्य पड़ोस में खेलने चला गया। इस दौरान पीहू ने मिट्टी का तेल छिड़क कर आग लगा ली। पीहू की चीख सुनकर भाई धैर्य दौड़कर घर आया और बहन को जलता देख शोर मचाया। सूचना पर तत्काल मा-बाप भी आ गए। यूपी-100 व इज्जतनगर पुलिस मौके पर पहुंची। परिवार वाले पीहू को सेना के अस्पताल ले गए। जहा डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
भाई कह रहा तनाव की बात
मौके पर पुलिस को एक खाली डिब्बा मिला, इसमें थोड़ा केरोसिन था। घर में पड़ा गद्दा भी जल गया था। पुलिस की जाच पड़ताल में इतना तो साफ था कि पीहू ने केरोसिन डालकर आग लगाई है, लेकिन सुसाइड की वजह कोई नहीं बता सका। छोटे भाई धैर्य ने बताया कि दीदी कुछ तनाव में दिख रहीं थी।
पिछले कुछ दिनों से अचानक ठिठक जाती थी
भाई धैर्य ने बताया कि दीदी का व्यवहार अचानक से बदल जाता था। वह किताबें जलाने की बात कह रहीं थी तो कभी अचानक कोई और एक्टिविटी करने लगती थी, जो नुकसान पहुंचाने जैसी थी। यह व्यवहार जबरदस्ती खुद को कुछ नुकसान पहुंचाने की ओर इशारा कर रहा था। इन सब बातों को मोबाइल गेम से जोड़कर देखा जा रहा है। फिलहाल जांच की जा रही है।
ब्लू व्हेल ऑनलाइन मोबाइल गेम से गईं थी कई बच्चों की जानें
इन दिनों ऑनलाइन कई गेम हैं जो जानलेवा हैं। ब्लू व्हेल भी इनमें से एक है, जो स्टेप बाइ स्टेप पूरा होता है। इस गेम को खेलने वालों को लगातार टास्क मिलते हैं, जो दिमाग पर इस कदर अपनी पकड़ बना लेते हैं, कि बच्चा वैसा ही करने लगता है। यह शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचाने वाला है। अंतिम स्टेज में आते-आते खुद की जान लेने के लिए उकसाया जाता है। इन स्टेज पर होने वाली एक्टिविटी के संकेत मिलते रहते हैं, बच्चों पर नजर रखी जाए तो इन्हें इससे दूर किया जा सकता है।