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बरेली में सीवर लाइन डालने में गाजियाबाद का ठेकेदार कर रहा मनमानी, अधिकारी भी बेबस

शहर में ट्रंक सीवर लाइन बिछाने को लेकर हो रही सड़कों की खोदाई में गाजियाबाद के ठेकेदार की मनमानी चल रही है। ऊंची पकड़ होने के कारण वह नियमों की अनदेखी कर सड़कों की खोदाई करवा रहे हैं।

By Sant ShuklaEdited By: Published: Thu, 21 Jan 2021 05:18 PM (IST)Updated: Thu, 21 Jan 2021 05:18 PM (IST)
अंधाधुंध खोदाई के कारण शहर में ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह लड़खड़ा गई है।

 बरेली,जेएनएन। शहर में ट्रंक सीवर लाइन बिछाने को लेकर हो रही सड़कों की खोदाई में गाजियाबाद के ठेकेदार की मनमानी चल रही है। ऊंची पकड़ होने के कारण वह नियमों की अनदेखी कर सड़कों की खोदाई करवा रहे हैं। ठेकेदार की ऊंची पहुंच के चलते यहां जल निगम के अधिकारी भी बेबस साबित हो रहे हैं। अंधाधुंध खोदाई के कारण शहर में ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह लड़खड़ा गई है।

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नगर निगम की 18 करोड़ रुपये से बनने वाली बिल्डिंग हो या राजेंद्र नगर की आदर्श सड़क। ग्रामीण सड़कों का चौड़ीकरण हो या फिर शहर में सीवर लाइन बिछाने का काम, गाजियाबाद की बड़ी कंस्ट्रक्शन कंपनियों ने जाल फैला रखा है। अच्छा रसूख रखने के कारण इन कंस्ट्रक्शन कंपनियों द्वारा कराए जा रहे काम लेटलतीफी और अव्यवस्था का कारण बन रहे हैं। इनकी मनमानी सभी कामों में पूरी तरह से हावी है। करोड़ों रुपये के सीवर लाइन डालने के काम में भी गाजियाबाद में बैठे ठेकेदार मनमानी कर रहे हैं। सीवर लाइन बिछाने का काम तय मानकों के अनुसार नहीं कराया जा रहा है। इस कारण शहर में यातायात की समस्या बढ़ गई है। ट्रैफिक पुलिस के साथ ही जिले के अधिकारी भी परेशान हैं। बावजूद इसके जल निगम के इंजीनियर लाचार बने हुए हैं। मजदूरों की सुरक्षा का ख्याल नहीं रखा जा रहा और जनता की भी परवाह नहीं की जा रही है। ठेकेदार किस तरह काम कर रहे हैं, इसकी मॉनीटरिंग इंजीनियर नहीं कर पा रहे हैं। गाजियाबाद में बैठकर ठेकेदार अपनी टीम को निर्देश देते हैं, उसी के अनुसार खोदाई की जाती है। अधिकारियों को इसकी सूचना तक नहीं दी जाती है। जल निगम के अधिशासी अभियंता संजय कुमार का कहना है कि ठेकेदार को मजदूरों की सुरक्षा के लिए निर्देशित किया गया है। उनका कहना है कि सभी को सुरक्षा के मानकों के साथ काम पर लगाया जाता है। जबकि कुछ दिन पहले कालीबाड़ी में दो मजदूर सीवर लाइन के चैंबर में उतरने पर बेहोश हो गए थे। खास बात यह है कि मजदूरों को कोई भी उपकरण नहीं मुहैया कराए गए थे लेकिन इसके बाद भी ठेकेदार मानकों को ख्याल नहीं रख रहा है। 


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