शाहजहांपुर की चीनी मिल में वेल्डिंग करते समय गैस पाइप फटा, तीन मजदूर झुलसे
तिलहर की सहकारी चीनी मिल में सोमवार दोपहर वेल्डिंग करते समय गैस पाइप फट गया। हादसे में तीन मजदूर झुलस गए।
शाहजहांपुर(जेएनएन): नये पेराई सत्र का उदघाटन होने के ढाई घंटे बाद ही सहकारी चीनी मिल में हादसा हो गया। वेल्डिंग करते समय गैस सिलेंडर का पाइप फट गया, जिससे तीन मजदूर झुलस गये। दो को हालत गंभीर देखते हुए जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां से उन्हें बरेली रेफर कर दिया गया। जबकि तीसरे को सीएचसी पर भर्ती कराया गया है। घटना से मिल प्रशासन में खलबली मच गई। एसडीएम व पुलिस मौके पर पहुंची। सोमवार दोपहर लगभग दो बजे चीनी मिल के वैक्यूम क्रिस्टलाइजर में घुसकर ग्राम धनेला निवासी बबलू, देशराज व पुरायूं गांव निवासी देवकुमार वेल्डिंग कर रहे थे। तभी अचानक सिलिंडर में लगा गैस पाइप फट गया और उसमें आग लग गई। आग लगने से काम कर रहे तीन मजदूर झुलस गये। झुलसे मजदूरों में ग्राम धनेला निवासी बबलू व देशराज की हालत गंभीर होने पर मिल के प्रधान प्रबंधक अतुल खन्ना, चीफ इंजीनियर लक्षेश्वर राजू, जिला अस्पताल पहुंचे।
ठेकेदार के अधीन हैं मजदूर
चीनी मिल के अभियंता नितिन श्रीवास्तव ने बताया गैस वेङ्क्षल्डग में सावधानी बरती जाती है। पता नहीं कहां चूक हुई। श्रीवास्तव ने बताया कि तीनों मजदूर ठेकेदार हरीश गंगवार के अधीन काम करते हैं।
डीएम को भेजेंगे रिपोर्ट
घटना की जानकारी मिलते ही कोतवाली पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। एसडीएम मोइनुल इस्लाम ने भी घटनास्थल का निरीक्षण किया। एसडीएम ने बताया कि रिपोर्ट डीएम को भेजी जा रही है।
रस को पकाता है क्रिस्टलाइजर
मुख्य अभियंता लक्षेश्वर राजू ने बताया कि वैक्यूम क्रिस्टलाइजर में गन्ने के रस को पकाकर उसकी सप्लाई की जाती है। इसमें से होकर रस आगे की प्रक्रिया से गुजरता है और चीनी बनती है।
आधी अधूरी तैयारी के बीच शुरुआत
38 वर्ष पुरानी सहकारी चीनी मिल में अधिकांश मशीनें स्थापना के समय से ही लगी हुई हैं। अधिकारियों को इन मशीनों में पेराई सत्र के समय ही मेंटीनेंस की याद आती है। इस बार भी ऐसा ही हुआ। शासन के आदेश पर चीनी मिल प्रशासन ने जिला पंचायत अध्यक्ष, डीएम व विधायकों को बुलाकर आनन-फानन में पेराई सत्र का शुभारंभ कराया। सत्र शुरू करने की औपचारिकता तो हो गई। उसके बाद अधिकारी गये तो मिल में मशीनें भी बंद हो गईं। जिसके बाद वहां पर मरम्मत का काम शुरू करा दिया गया। अगर पेराई सत्र शुरू करने से पहले मिल प्रशासन ने मशीनों की मरम्मत का काम कराया होता तो शायद यह स्थिति नहीं होती।