Ganga Express Way की राह में रोड़ा बन रही बदायूं के किसानों की 72 हेक्टेयर जमीन पर कब्जा लेने की प्रशासन ने शुरू की तैयारी
अब जिला प्रशासन ने इस जमीन पर कब्जा लेकर मुआवजा की राशि भूमि अध्यापित अधिकारी के खाते में जमा कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मार्ग में आ रहे वन विभाग के एक हजार पेड़ कटवाने और बिजली विभाग के पोल और तार हटवाने की कार्रवाई चल रही है।
बदायूं, जेएनएन: मेरठ से प्रयागराज तक बन रहे गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य यहां जिले में भी शुरू हो चुका है। अधिकांश किसानों की जमीन का बैनामा कराकर भूमि अधिग्रहण किया जा चुका है, लेकिन 72 हेक्टेयर जमीन का रोड़ा है। अब प्रशासन ने इस जमीन पर कब्जा लेने की तैयारी शुरू कर दी है। यह उन किसानों के खेत हैं जिनके मामले या तो अदालत में चल रहे हैं अथवा वह यहां ढूंढे नहीं मिल रहे हैं। जिला प्रशासन ने इस जमीन पर कब्जा लेकर मुआवजा राशि भूमि अध्यापित अधिकारी के खाते में जमा कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
बिसौली से लेकर बिल्सी, बदायूं और दातागंज तहसील क्षेत्रों में भूमि समतलीकरण का काम तेजी से कराया जा रहा है। कुछ गांवों में अड़चनें आ रही हैं जहां दोबारा पैमाइश कराकर किसानों की समस्या का समाधान कराया जा रहा है। 95 प्रतिशत से अधिक किसानों की जमीन का अधिग्रहण हो चुका है, लेकिन 72 हेक्टेयर की जमीन का अभी तक बैनामा नहीं कराया जा सका है।
अब जिला प्रशासन ने इस जमीन पर कब्जा लेकर मुआवजा की राशि भूमि अध्यापित अधिकारी के खाते में जमा कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मार्ग में आ रहे वन विभाग के एक हजार पेड़ कटवाने और बिजली विभाग के पोल और तार हटवाने की भी कार्रवाई चल रही है।
डीएम दीपा रंजन ने बताया कि गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्यदायी संस्था करा रही है। यूपीडा के मार्गदर्शन में प्रशासनिक कार्रवाई की जा रही है। जिन किसानों की जमीन का अभी तक बैनामा नहीं हुआ है, उनकी जमीन का मुआवजा भूमि अध्यापित अधिकारी के खाते में जमा करके भूमि अधिग्रहण कराने की प्रक्रिया चल रही है। संबंधित किसानों को धनराशि का भुगतान तब किया जाएगा जब उनके विवादों का निपटारा हो जाएगा। उन्होंने दावा किया कि गंगा एक्सप्रेस-वे के काम में कहीं कोई अड़चन नहीं है। अब काम धरातल पर दिखने लगा है।