Intresting : रुहेलखंड विश्वविद्यालय का कुलपति बनकर जालसाज ने प्रबंधकों से ऐसे मांगे...50,000 Bareilly News
फोन करने वाला शख्स खुद को कुलपति प्रो. अनिल बताता और कहता कि बेटे के बैंक एकाउंट में 50 हजार रुपये जमा करवा दो।
जेएनएन, बरेली : रुहेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अनिल शुक्ल के नाम पर फर्जी कॉल करके प्राचार्यों और प्रबंधकों से वसूली के प्रयास का मामला सामने आया है। फोन करने वाला शख्स खुद को कुलपति प्रो. अनिल बताता और कहता कि बेटे के बैंक एकाउंट में 50 हजार रुपये जमा करवा दो। इस तरह से करीब 15 से अधिक कॉलेजों के प्राचार्यों और प्रबंधकों को फोन किए गए हैं। कई लोगों ने जब वापस कुलपति को फोन लगाकर इसके बारे में पूछा तो फर्जीवाड़ा पता चला। कुलपति ने तुरंत फोन पर एसएसपी से बात कर शिकायत की है। प्राचार्यों को जिस नंबर से कॉल जा रही थी वो अब स्विच ऑफ है।
बेटे को जरुरत है, प्रबंधक से मांगे 50 हजार
बरेली के फरीदपुर स्थित विद्याश्री पार्थ महाविद्यालय के प्रबंधक डॉ. हरिओम के पास शनिवार की शाम करीब 6:30 बजे फोन कॉल गई। कॉल करने वाले शख्स ने कहा कि... हेलो, मैं वीसी अनिल शुक्ला बोल रहा हूं। आप हरिओम बोल रहे हैं न? सामने से जवाब हां में आते ही फिर से बोल उठता है... सुनो, मेरा बेटा दिल्ली में पढ़ाई कर रहा है। उसे तुरंत 50 हजार रुपये भेजने हैं। तुम जल्दी से भेज दो... मैं अकाउंट नंबर भेजता हूं। इसपर जब डॉ. हरिओम ने कहा कि रुकिए मैं अभी आपसे बात करता हूं और फोन काटकर कुलपति प्रो. अनिल शुक्ल को मिला दिया तो हकीकत सामने आ गई।
विवि से संबद्ध कई कॉलेजों को किया गया फोन
कुलपति बनकर महाविद्यालयों के प्राचार्यों, प्रबंधकों को फोन करके वाले शख्स ने दूर-दराज इलाकों के कॉलेजों का ही चयन किया। इसमें बरेली के ग्रामीण क्षेत्र, मुरादाबाद, पीलीभीत, शाहजहांपुर आदि जिलों के कई कॉलेजों के प्राचार्यों को फोन कर 50 हजार रुपये की डिमांड की। इसके बाद कुलपति प्रो. अनिल का मोबाइल घनघनाने लगा। एक के बाद एक कई कॉलेजों के प्राचार्यों, प्रबंधकों ने उन्हें फोन करके इसकी जानकारी दी।
कुलपति से बात करने पर सामने आई हकीकत
मुरादाबाद के मेफेयर कॉलेज के प्राचार्य डॉ. छुट्टन खां को भी उसी नंबर से कॉल गई। कॉल करने वाले ने ठीक उसी अंदाज में शुरूआत की जैसे डॉ. हरिओम के साथ किया था। डॉ. छुट्टन बताते हैं कि पहले तो उन्हें लगा कि सच में वीसी साहब बोल रहे हैं। इस पर उन्होंने कहा कि सर, एक-दो घंटे में करवा देता हूं। अभी कॉलेज जाता हूं और चेयरमैन से बात करके किसी तरह करवाता हूं। इस पर फर्जी शख्स ने पूछा कि कैसे भेजोगे... प्राचार्य ने जब कहा कि वह एकाउंटेंट की मदद लेंगे तो फर्जी शख्स ने एकाउंटेंट का नंबर मांगना शुरू कर दिया। गिड़गिड़ाते हुए बोला... जल्दी करवा दो, बहुत जरूरी है। मैं बाहर हूं और रात हो गई है। बेटे को बहुत जरूरत है। मैं सोमवार को वापस आऊंगा तो तुम्हारे एकाउंट में भेज दूंगा। इस पर डॉ. छुट्टन को शक हुआ तो उन्होंने फोन काटकर सीधे कुलपति से बात कर ली। इस बीच ठग कई बार डॉ. छुट्टन को फोन मिलाता रहा। हालांकि इसके बाद से उस शख्स का फोन बंद हो गया।
कई प्राचार्यों ने मुझे जानकारी दी है कि मेरे नाम पर कोई फर्जी कॉल करके 50 हजार रुपये बेटे के लिए मांग रहा है। मैं हैरान हूं। मैंने इसकी शिकायत पुलिस से की है। जिस नंबर से लोगों को फोन गया है उसे भी पुलिस को दे दिया हूं। -प्रो. अनिल शुक्ल, कुलपति, रुहेलखंड विश्वविद्यालय