गजब... करोड़ों की जमीन हड़पने के लिए एडीएम सिटी तक के फर्जी दस्तखत कर डाले
कलेक्ट्रेट में सोमवार को बड़ा भंडाफोड़ हुआ है।
जेएनएन, बरेली : कलेक्ट्रेट में सोमवार को बड़ा भंडाफोड़ हुआ है। सौ बीघा जमीन का फर्जी आदेश तैयार करके तहसील में उसका अमल दरामद करा लिया। करोड़ों की जमीन बेचने की तैयारी थी। ऐसा होने से पहले मामला पकड़ में आ गया। तब अभिलेखागार से रिकॉर्ड निकालकर देखा गया। साफ हुआ कि एडीएम सिटी से लेकर डीडीसी चकबंदी कार्यालय में तैनात बाबू के फर्जी आदेश बनाए गए हैं। कलेक्ट्रेट से तहसील तक मिलीभगत का संदेह है। बाबुओं पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। एफआइआर दर्ज कराने की तैयारी हो रही है।
यह है मामला
नवाबगंज के गांव डंडिया नजमुननिसा में 100 बीघा जमीन से जुड़े मामले सीओ चकबंदी के रिवीजन निरस्त कर देने के बाद रेस्टोरेशन (पुर्नस्थापन) का मामला डीडीसी चकबंदी कोर्ट में विचाराधीन है। इसी मुकदमे की फाइल अभिलेखागार से निकालने के बाद उसमें सफेदा लगाकर लिख दिया गया कि बहस सुनी गई। उस पर अपने हिसाब से आदेश बना लिया गया। इस पर एडीएम सिटी एवं डीडीसी चकबंदी के दस्तखत भी फर्जी तरीके से कर लिए। उसे तहसील में ले जाकर मुहम्मद तारिक के लड़के फिरोज खां के नाम अमल दरामद भी करा लिया। इकरारनामा तैयार कर जमीन बेचने की तैयारी थी। तभी भेद खुल गया।
ऐसे पकड़कर में आया फर्जीवाड़ा
जमीन बेचे जाने की भनक पर खुद को जमीन का वारिस बताने वाले मुशाबिर हुसैन अपने अधिवक्ता के साथ एडीएम सिटी के पास पहुंचे। तब एडीएम ने जमीन की फाइल निकालकर देखी तो उसके एक पेज पर सफेदा लगा था। उसी पर आदेश टाइप किया गया था। एडीएम के दस्तखत भी जैसे वह करते हैं, वैसे बनाने का प्रयास किया गया था। तब तहसील से लेकर अभिलेखागार के बाबू तलब किए गए।
अभिलेखागार से लेकर तहसील तक मिलीभगत
फाइल को निकालकर उस पर सफेदा लगाकर आदेश कर दिया गया। इसी आदेश के आधार पर तहसील से अमल दरामद हुआ। तहसीलदार ने अमल दरामद से पहले एडीएम से सत्यापन रिपोर्ट मांगी। यह भी उनके फर्जी दस्तखत से भेज दी गई। इसमें डीडीसी चकबंदी के पेशकार, वादी और उनके वकील के दस्तखत भी फर्जी बनाए गए हैं। तहसील से लेकर अभिलेखागार कर्मियों की भूमिका संदिग्ध मानी गई है।
फर्जीवाड़े में एक सपा नेता का नाम
100 बीघा जमीन के फर्जीवाड़े में एक सपा नेता का नाम लिया जा रहा है। उसी ने अभिलेखागार से लेकर तहसील तक सांठगांठ की। जमीन के असल मालिक ने उसका नाम भी एडीएम सिटी को बताया है।
15 साल से चल रहा जमीन हड़पने का षडयंत्र
पुराना शहर के मुहल्ला कांकरटोला में रह रहे मुशाबिर हुसैन ने बताया कि नवाबगंज के गांव डंडिया नजमुन निसा में 100 बीघा जमीन पुश्तैनी है। उस पर खेती हो रही है। इसे हड़पने का षडयंत्र पिछले 15 साल से चल रहा है। पहले भी जमीन को लेकर एक फर्जी आदेश कराया जा चुका है।
मामले की जांच शुरू, हूबहू दस्तखत बनाने की कोशिश
मामले की जांच शुरू कर दी है। जिनकी भूमिका संदिग्ध प्रतीत हो रही है, उन कर्मचारियों से बात भी की है। दस्तखत हूबहू बनाने का प्रयास किया गया है। जल्द मामले में एफआइआर कराई जाएगी। जिम्मेदारों पर विभागीय कार्रवाई भी होगी। - ओपी वर्मा, एडीएम सिटी