Move to Jagran APP

पीलीभीत टाइगर रिजर्व के जंगल से चार कैमरे चोरी, निगरानी में बाधा

जासं बरेली पीलीभीत टाइगर रिजर्व कि हरीपुर रेंज से तस्कर वन्यजीवों की गणना को लगे चार कैमरे चोरी कर ले गए हैं। इससे निगरानी कार्य बाधित हो रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 04:22 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 04:23 PM (IST)
पीलीभीत टाइगर रिजर्व के जंगल से चार कैमरे चोरी, निगरानी में बाधा
पीलीभीत टाइगर रिजर्व के जंगल से चार कैमरे चोरी, निगरानी में बाधा

जासं, बरेली : पीलीभीत टाइगर रिजर्व कि हरीपुर रेंज से तस्कर वन्यजीवों की गणना को लगे चार कैमरा चोरी कर ले गए। दो दिन बीत जाने के बाद भी कैमरों का सुराग न लगने पर वन कर्मचारियों में खलबली मची हुई है। अधिकारी जाच कर कार्रवाई की बात कह रहे हैं। कैमरा चोरी होने से निगरानी कार्य में भी दिक्कत हो रही है।

loksabha election banner

वन्यजीवों की गणना के लिए पीटीआर में कैमरे लगाए गए हैं। इन कैमरों पर जंगल में संदिग्ध रूप से घूमने वाले और तस्करी करने वालों की भी नजर है। पीटीआर की हरीपुर रेंज में लगे चार कैमरे शुक्रवार की रात को चोरी कर लिए गए। जब इसकी जानकारी वन विभाग के अधिकारियों को लगी तो खलबली मच गई। पहले तो मामले को दबाने का प्रयास किया जाता रहा लेकिन रविवार तक चोरों का कोई सुराग न मिलने पर इसकी व्यापक चर्चा शुरू हो गई। चोरी की हुई वारदात से जंगल में सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुलकर सामने आई है। वन्यजीवों की जो तस्वीरें कैमरों में कैद हुई हैं वह भी गायब या नष्ट होने की आशका है। पीटीआर के डिप्टी डायरेक्टर नवीन खंडेलवाल ने बताया कि चार कैमरे चोरी होने की सूचना है। टीम को लगाया गया है। जल्दी ही आरोपितों की तलाश कर कैमरे बरामद किए जाएंगे। कार्रवाई कराई जा रही है।

गौरतलब है कि जंगल में तस्कर पशुओं का अवैध शिकार करते हैं। कई बार इस तरह के तस्कर पकडे़ भी जा चुके हैं। उनके पास से जानवरों की खाल आदि भी बरामद हुई है। इसके अलावा जंगल से लकड़ी का अवैध कटान भी होता है। इस कार्य में सीसीटीवी बड़ी बाधा थी। इस कारण तस्करों से सबसे पहले कैमरों को ही निशाना बना लिया है। खबर तो यह भी है कि इस अवैध कार्य में जंगल के भी कुछ कर्मचारी मिले हैं, जिससे मूल अपराधियों तक पहुंचना आसान नहीं है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.