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बरेली कालेज के 16 साल पुराने मुकदमे में तत्‍कालीन छात्र नेता दोषमुक्‍त, बोले- सच्‍चाई की हुई जीत

बरेली कालेज के तत्कालीन चीफ प्राक्टर डा. जोगा सिंह होठी जिन्होंने छात्र नेताओं पर मुकदमा लिखाया था। कुछ वर्ष पूर्व उनकी भी मृत्यु हो गई लेकिन मृत्यु से पूर्व वह छात्र नेताओं के पक्ष में अपने बयान दर्ज कराकर गए थे।

By Vivek BajpaiEdited By: Published: Wed, 29 Jun 2022 03:23 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jun 2022 03:23 PM (IST)
बरेली कालेज के 16 साल पुराने मुकदमे में तत्‍कालीन छात्र नेता दोषमुक्‍त, बोले- सच्‍चाई की हुई जीत
अदालत से दोषमुक्‍त सिद्ध होने के बाद खुशी जताते तत्‍कालीन छात्र नेता।

बरेली, जागरण संवाददाता। बरेली कालेज बरेली में 16 साल पूर्व समाजवादी छात्र सभा के छात्र नेताओं द्वारा बरेली कालेज में छात्रवृत्ति वितरण में धांधली के खिलाफ उग्र आंदोलन किया  गया था। जिसके पश्चात बरेली कालेज के चीफ प्राक्टर डा. जोगा सिंह होठी ने समाजवादी छात्र सभा के आठ छात्र नेताओं पर तोड़फोड़ व सरकारी काम में बाधा डालने आदि धाराओं में मुकदमा लिखाया था, जिसमें सभी छात्र नेता जमानत पर थे।

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16 साल पूर्व लिखाए गए मुकदमे में प्रत्येक महीने तारीख पड़ती रही एवं नियमित रूप से सुनवाई होती रही। छात्र नेताओं को लिखवाए गए मुकदमे मे दौरान बरेली कालेज के 19 लोगों को गवाह बनाया गया था, जिसमें से कई कर्मचारी सेवानिवृत्त हो गए अथवा उनकी मृत्यु हो गई। बाकी अन्य गवाह मुकदमे के दौरान दिए गए अपने बयान से मुकर गए। बरेली कालेज के तत्कालीन चीफ प्राक्टर डा. जोगा सिंह होठी जिन्होंने छात्र नेताओं पर मुकदमा लिखाया था। कुछ वर्ष पूर्व उनकी भी मृत्यु हो गई, लेकिन मृत्यु से पूर्व वह छात्र नेताओं के पक्ष में अपने बयान दर्ज कराकर गए थे। जिस कारण सभी छात्र नेता साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिए गए।

समाजवादी पार्टी के महानगर महासचिव पार्षद गौरव सक्सेना ने बताया छात्र हित में 16 साल पूर्व बरेली कालेज में किए गए प्रदर्शन के उपरांत कालेज प्रशासन द्वारा लिखाए गए मुकदमे मे दोषमुक्त किया जाने के पश्चात सच्चाई की जीत हुई है। उस समय बरेली कालेज में छात्रवृत्ति में अत्यंत धांधली व्याप्त थी। कर्मचारी नियमों का पालन किए बिना अपने चहेते छात्रों को स्कालरशिप का लाभ दिलवा देते थे, जबकि आम छात्र जिसे छात्रवृत्ति मिलनी चाहिए थी। उसे इसका लाभ नहीं मिल पा रहा था जिसकी शिकायत के बाद समाजवादी छात्र सभा ने उस समय छात्र आंदोलन किया था। इसके बाद छात्रवृत्ति में व्याप्त धांधली समाप्त हो गई थी और नियमानुसार कालेज प्रशासन द्वारा छात्रवृत्ति छात्रों को दी जाने लगी थी, लेकिन इतने लंबे चले मुकदमे के पश्चात इस बात का संतोष है कि उस समय छात्रों की लड़ाई छात्र हित में लड़ी गई थी जो कि सफल हुई थी।


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