सुल्तान बेग पर निजी मुचलके पर रिहा
सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करने के मामले में पूर्व विधायक सुल्तान बेग को कोर्ट के कटघरे में खड़ा होना पड़ा।
जागरण संवाददाता, बरेली : सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करने के मामले में पूर्व विधायक सुल्तान बेग को कोर्ट के कटघरे में खड़ा होना पड़ा। बाद में अदालत ने उन्हें 20 हजार के निजी मुचलके पर रिहा कर दिया। पूर्व विधायक ने इसे रूटीन की कार्रवाई बताया।
पत्रावली के मुताबिक तहसील बहेड़ी के तत्कालीन लेखपाल श्याम स्वरूप ने तत्कालीन विधायक सुल्तान बेग के खिलाफ रिपोर्ट लिखवाई थी। मायावती के शासनकाल में वर्ष 2010 थाना शेरगढ़ में यह मामला दर्ज करवाया गया। जिसमें बेग पर मबई काजियान की सार्वजनिक जमीन पर अतिक्रमण कर उसे अपने निजी इस्तेमाल में लेने का आरोप लगाया था। इस मामले में बेग जमानत पर थे। पहली मई को कोर्ट में वह हाजिर नहीं हुए और न ही हाजिरी माफ में हाजिर हुए। इस पर कोर्ट ने पूर्व विधायक का गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया। शुक्रवार को सुल्तान बेग अपने अधिवक्ता चंद्रशेखर के साथ कोर्ट में उपस्थित हुए। कोर्ट में उन्होंने शपथपत्र अर्जी दी जिसमें निर्धारित तिथि पर शहर से बाहर होने की जानकारी दी गई। हाजिरी माफी की अर्जी किसी कारणवश फाइल नहीं हो पाई। इस पर एसीजेएम द्वितीय अरविंद कुमार शुक्ला ने आरोपी पूर्व विधायक को बीस हजार रुपये के निजी मुचलके पर रिहा कर दिया। इस बीच रिहाई आदेश जारी होने तक पूर्व विधायक को कटघरे में खड़ा होना पड़ा। सुल्तान बेग ने मामले को राजनीतिक विद्वेष से लगाया बताया। कहा कि बसपा सरकार के दौरान उन पर कई मामले दर्ज करवाए गए थे। सभी एक एक कर फर्जी साबित हुए हैं। इस मामले में भी सच्चाई की ही जीत होगी। अदालत से निकलने के बाद पूर्व विधायक नूरपुर उपचुनाव में पार्टी प्रत्याशी के चुनाव प्रचार के लिए निकल गए।