रॉ के पूर्व चीफ आरएसएन सिंह ने अनुच्छेद 370 पर दिया बड़ा बयान, कहा-हिंदुस्तानियत वापस लाने की मुहिम चलानी होगी Bareilly News
उन्होंने कहा कि लोगों को समझना होगा व्यक्ति बिना संस्कृति नहीं रह सकती है। कश्मीर का लिखित इतिहास पांच हजार वर्ष पुराना है। केंद्र सरकार के निर्णय से जहां देश की जनता खुश है।
By Abhishek PandeyEdited By: Published: Thu, 29 Aug 2019 10:00 AM (IST)Updated: Thu, 29 Aug 2019 10:00 AM (IST)
बरेली, जेएनएन : कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 ए भले ही खत्म हो चुके हैं, लेकिन अभी वहां के हालात एक दम से नहीं सुधरेंगे। वहां हिंदुस्तानियत और कश्मीरियत वापस लाने को मुहिम चलानी होगी। यह बात रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के पूर्व चीफ आरएसएन सिंह ने संजय कम्युनिटी हॉल में बुधवार को हुए विश्व हिंदू परिषद के स्थापना दिवस समारोह में कही।
उन्होंने कहा कि लोगों को समझना होगा, व्यक्ति बिना संस्कृति नहीं रह सकती है। कश्मीर का लिखित इतिहास पांच हजार वर्ष पुराना है। केंद्र सरकार के निर्णय से जहां देश की जनता खुश है। वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की समझ में नहीं आ रहा कि वह क्या करें, रोज नए बयान दे रहे हैं। कभी कह रहे हैं कि हमारे पास न्यूक्लियर बम हैं...इंशाल्लाह।
मुख्य वक्ता पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने कहा कि अनुच्छेद 370 और 35 ए हटने से बेहतर निर्णय जम्मू और कश्मीर को यूनियन टेरेटरी में शामिल करने का रहा। यह सच्चे राष्ट्रवादियों की ताकत थी, जिन्हें देश की जनता ने देश चलाने नहीं राष्ट्र बचाने भेजा था। उन्होंने महज 70 दिन में परिणाम भी दे दिया। अब संसद भवन में श्यामा प्रसाद मुखर्जी की आदमकद मूर्ति लगे। देश की जनता सड़कों पर उतरकर सरकार के निर्णय का धन्यवाद दें।
उन्होंने कहा कि लोगों को समझना होगा, व्यक्ति बिना संस्कृति नहीं रह सकती है। कश्मीर का लिखित इतिहास पांच हजार वर्ष पुराना है। केंद्र सरकार के निर्णय से जहां देश की जनता खुश है। वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की समझ में नहीं आ रहा कि वह क्या करें, रोज नए बयान दे रहे हैं। कभी कह रहे हैं कि हमारे पास न्यूक्लियर बम हैं...इंशाल्लाह।
मुख्य वक्ता पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने कहा कि अनुच्छेद 370 और 35 ए हटने से बेहतर निर्णय जम्मू और कश्मीर को यूनियन टेरेटरी में शामिल करने का रहा। यह सच्चे राष्ट्रवादियों की ताकत थी, जिन्हें देश की जनता ने देश चलाने नहीं राष्ट्र बचाने भेजा था। उन्होंने महज 70 दिन में परिणाम भी दे दिया। अब संसद भवन में श्यामा प्रसाद मुखर्जी की आदमकद मूर्ति लगे। देश की जनता सड़कों पर उतरकर सरकार के निर्णय का धन्यवाद दें।
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