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बदायूं में बढ़ी राजनीतिक हलचल, भाजपा में शामिल हुए पांच बार विधायक रहे रामसेवक पटेल, जानिए किस वोट पर रखते है गहरी पकड़

बदायूं में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गईं हैं। पांच बार बिनावर से विधायक रहे रामसेवक सिंह पटेल लखनऊ में भाजपा में शामिल हो गए हैं। रामसेवक सिंह पटेल ने 2007 में भाजपा छोड़ दी थी।

By Ravi MishraEdited By: Published: Tue, 07 Dec 2021 02:42 PM (IST)Updated: Tue, 07 Dec 2021 02:42 PM (IST)
बदायूं में बढ़ी राजनीतिक हलचल, भाजपा में शामिल हुए पांच बार विधायक रहे रामसेवक पटेल

बरेली, जेएनएन। बदायूं में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गईं हैं। पांच बार बिनावर से विधायक रहे रामसेवक सिंह पटेल लखनऊ में भाजपा में शामिल हो गए हैं। रामसेवक सिंह पटेल ने 2007 में भाजपा छोड़ दी थी। इसके बाद वह उमा भारती की पार्टी में शामिल हो गए थे और उनकी पार्टी की इकलौती सीट जीतकर दी थी। इसके बाद वह 2017 में वह शिवसेना चुनाव लड़े जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद से वह भाजपा के विरोधी कहे जाने लगे थे। इसी भाजपा सरकार में उनकी कोठी भी तोड़ दी गई थी। अब उनके भाजपा में शामिल होने से जिले के राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। राजनीतिक मान रहे हैं रामसेवक पटेल को भाजपा सदर विधानसभा से चुनाव भी लड़ा सकती है।

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जेल से जीता था चुनाव

रामसेवक सिंह पटेल 1989 में पहली बार विधायक बने थे। उस समय शहर में हुए दंगे के बाद उन्हें जेल भेजा गया था। उन्होंने जेल में ही रहकर चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। इसके बाद रामसेवक 1991, 1993, 1996 और 2007 में चुनाव जीते थे।

हिंदूवादी छवि, कुर्मियों पर अच्छी पकड़

रामसेवक पटेल की छवि हिंदूवादी नेता के रूप में देखी है। इसके अलावा जिले की राजनीति में बड़ा हस्तक्षेप रखने वाले कुर्मी वोटरों पर भी उनकी अच्छी पकड़ है। 


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