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बरेली के इस जनपद में डरा रहे आकंडे़, गांवाें में कोरोना के साथ बढ़ रहे बुखार के मरीज, जानिए क्या है स्थिति

काेराेना संक्रमण पहली लहर की अपेक्षा इस वर्ष काफी तेजी गति से बढ़ रहा है। इस बार शहर से गांव में भी कोरोना संक्रमण पहुंच चुका है। आंकड़ों के हिसाब से दूसरे चरण में ग्रामीण क्षेत्रों में दोगुनी और शहरी क्षेत्र में तीन गुना तेजी से कोरोना संक्रमण बढ़ा है।

By Ravi MishraEdited By: Published: Mon, 10 May 2021 06:30 PM (IST)Updated: Mon, 10 May 2021 06:30 PM (IST)
बरेली के इस जनपद में डरा रहे आकंडे़, गांवाें में कोरोना के साथ बढ़ रहे बुखार के मरीज, जानिए क्या है स्थिति
बरेली के इस जनपद में डरा रहे आकंडे़, गांवाें में कोरोना के साथ बढ़ रहे बुखार के मरीज

बरेली, जेएनएन। काेराेना संक्रमण पहली लहर की अपेक्षा इस वर्ष काफी तेजी गति से बढ़ रहा है। इस बार शहर से गांव में भी कोरोना संक्रमण पहुंच चुका है। आंकड़ों के हिसाब से दूसरे चरण में ग्रामीण क्षेत्रों में दोगुनी और शहरी क्षेत्र में तीन गुना तेजी से कोरोना संक्रमण बढ़ा है। गांवों में बुखार, सर्दी, खांसी और सांस के अधिकांश मरीज मिल रहे है लेकिन कोरोना जांच के अभाव में उनकी संक्रमित होने की पहचान नहीं हो रहा है। इस वजह से गांव में तेजी से संक्रमण के फैलने का खतरा मंडरा रहा है।

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जिले में कोरोना संक्रमण के रोजाना आने वाले आंकड़े डरा रहे है। शहर से लेकर गांव तक कोरोना कहर बरपा रहा है। स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन द्वारा महामारी पर अंकुश लगाने के सारे प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। देहात क्षेत्र में अब तक कोरोना की जांच के लिए स्वास्थ्य व्यवस्थाएं पटरी पर नहीं आ सकी है। इस वजह से भी कोरोना संक्रमण की रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही है।

कोरोना की चेन तोड़ने के लिए भले ही जिले में कर्फ्यू लगा दिया गया हो लेकिन इसका पालन कराने वाली पुलिस भी बेबस नजर आ रही है। देहात के लोग शहरी क्षेत्रों में आकर खरीददारी करने से बाज नहीं आ रहे है तो वहीं सहालग के चलते शहर में ग्रामीणों का दिनभर हूजूम लगा रहता है।

गांवों में लगभग हर दूसरे घर में सर्दी, जुकाम, बुखार के मरीज हैं। कोरोना की दहशत के चलते लोग अस्पताल जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे है। बावजूद गांवों में कहीं स्वास्थ्य विभाग की टीम नजर नहीं आ रही है। गत वर्ष गांव-गांव में क्वारंटाइन सेंटर से लेकर कोरोना की जांच काफी हद की गई थी। लेकिन इस बार कंटेनमेंट जोन तक नहीं बनाए गए। पुलिस भी गश्त नहीं कर रही है।

प्रवासियों के आने से बढ़ा खतरा

ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना की दोगुनी रफ्तार होने के कई कारण मानें जा रहे है। जिले के अधिकांश ग्रामीण दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में रहकर मेहनत मजदूरी करते है। कोरोना कर्फ्यू लगने के बाद प्रवासियों ने गांव की तरफ रूख कर लिया। जिस कारण उन लोगों से गांवों में रहने वाले लोगों में संक्रमित होने की संभावनाएं बढ़ गई। लक्षण दिखने के बावजूद ग्रामीण कोरोना जांच और दवा लेने में ढील डालते नजर आ रहे है।

17 टीम गांव-गांव जाकर कर रही स्क्रीनिंग

स्वास्थ्य विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ रहे संक्रमण से निपटने के लिए 17 टीमों को गांव-गांव भेजकर स्क्रीनिंग की जिम्मेदारी दी गई है। स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव-गांव जाकर जिन लोगों में बुखार, सर्दी, खांसी के लक्षण है उनका सर्वाे कर रही है। जिसके बाद कोरोना जांच की जाएगी। लेकिन माना जा रहा है यह इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे है।

कोविड मरीजों को ट्रेस करने के लिए गांव-गांव स्क्रीनिंग कराई जा रही है। इसके लिए पांच सदस्यीय टीम के साथ 17 टीमें गठित की गई है। नान कोविड के मरीजों को दवाएं भी वितरित की जा रही है। - डा. यशपाल सिंह, सीएमओ


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