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Fear of Loved One in Corona Era : विदेश में रह रहे बरेली के लोग कोरोना को लेकर अपनों की कर रहे चिंता

Fear of Loved One in Corona Era वो सात समंदर पार हैं.. पर परिवार की मजबूत डोर से बंधे हैं। कोविड में चिंता है कि परिवार सुरक्षित रहे।इसलिए एहतियात के पाठ मां-पिता को पढ़ाते हैं। अपनों की नहीं शहर की फिक्र करते हुए ऑनलाइन बरेली के हालात पढ़ते हैं।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Mon, 17 May 2021 07:47 AM (IST)Updated: Mon, 17 May 2021 07:47 AM (IST)
Fear of Loved One in Corona Era : विदेश में रह रहे बरेली के लोग कोरोना को लेकर अपनों की कर रहे चिंता
लंदन, सिडनी से आ रही आवाज.. घर में रहना, कोरोना को हराना।

बरेली, जेएनएन। Fear of Loved One in Corona Era : वो सात समंदर पार हैं.. बस परिवार की मजबूत डोर से बंधे हैं। कोविड की दूसरी लहर में चिंता है कि परिवार सुरक्षित रहे। इसलिए एहतियात के पाठ मां-पिता को पढ़ाते हैं। सिर्फ अपनों की नहीं, शहर की फिक्र करते हुए विदेश से ऑनलाइन बरेली के हालात को पढ़ते हैं। वीडियो कॉल में हर रोज पूछते हैं कि मम्मी, पापा.. सब ठीक है न। अपना ख्याल रखना।

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एम्सडर्म में बैठी शिल्पी को बरेली के हालात की चिंता : शिल्पी पटेल शादी के बाद नीदरलैंड के एम्सडर्म में पति विनोद कुमार के साथ रहती हैं। उनके माता-पिता बरेली के इंद्रानगर में रहते हैं। विनाेद एक कंपनी में इंजीनियर है। कोविड की वजह से वर्क फ्राम होम में हैं। शिल्पी की आने वाली वीडियो कॉल में बरेली के हालात पर ही चर्चा होती है। वह ऑनलाइन पोर्टल पर बरेली के श्मशान, अस्पताल और मरीजों के हालात को पढ़ती हैं। चिंता होती है कि मां कमलेश पटेल और पिता उदय प्रताप को इम्यूनिटी मजबूत करने के टिप्स देती रहती है। एहतियात की सलाहों के पीछे उनकी चिंता को समझते हुए मां और पिता भी उनसे बात करके राहत महसूस करते हैं।

पापा, मां.. आप ठीक हैं : जनकपुरी में रहने वाले डॉ. सत्यपाल गंगवार के बेटे आशीष लंदन में फेसबुक कंपनी में सेवाएं दे रहे हैं। साथ में उनकी पत्नी प्रज्ञानी हैं। हर रोज होने वाली वीडियो कॉल में उन्हें अपनी मां रंजना और पिता सत्यपाल की फिक्र रहती हैं। बात की शुरुआत यही से होती कि पापा, मां.. आप ठीक हैं। एहतियात बरत रहे हैं। सत्यपाल के मुताबिक आशीष सिर्फ परिवार के बारे में ही नहीं पूछते, बल्कि बरेली में कोविड के मामले, वैक्सीनेशन, सरकारी प्रयासों पर भी चर्चा होती है। जड़ बरेली में होने की वजह से सत्यपाल के बच्चे भले विदेश में हो, लेकिन उन्हें चिंता अपने शहर की है।

बेटे काल पर कोविड, ब्लैक फंगस से बचाव के देते हैं टिप्स : गांधीपुरम में रहने वाले उमेश गुप्ता के बेटे अंकित छह साल से मलेशिया में हैं। कोविड में अचानक उनकी चिंता अपने परिवार और बरेली के लिए बढ़ गई है। वीडियो कॉल के सहारे सिर्फ अपने परिवार की नहीं, रिश्तेदार, दोस्त सबके हाल पूछते हैं। रंजनी गुप्ता उनकी मां और मलेशिया में उनकी बहू प्रियंका घंटों कोविड, ब्लैंक फंगस से निपटने के लिए योग और रोग प्रतिरोधक क्षमता कैसे बढा़ए, यही चर्चा करते रहते हैं। उमेश बताते है कि बेटे की चिंता यही है कि उनके माता-पिता यहां ठीक से हैं कि नहीं। हमें भी अपने बेटे-बहू की फिक्र रहती है।

ये हालात कब ठीक होंगे, शहर भी नहीं आ सकते : बरेली में कोविड के अचानक बिगड़े हालात न्यूज पोर्टल के जरिए आस्ट्रेलिया के शहर सिडनी हर्षित में पढ़ते हैं, तो चिंता से भर जाते हैं। क्योंकि उनकी नौकरी भले ही विदेश में हो, लेकिन परिवार बरेली में है। वह सिडनी एयरपोर्ट पर फाइनेंस सर्विस रिप्रजेंटेटिव हैं। अक्सर अपने चचेरे भाई मुदित को वीडियो कॉल करके पूछते हैं कि ये बिगड़े हालात कब ठीक होंगे। ऐसे में तो घर भी नहीं आ सकते। पिता सतीश और मां माया को वह घर पर ही रहने की एहतियात देते हैं। इंटरनेट मीडिया के जरिए, अपने दोस्तों के हालात भी लेते रहते हैं।


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