छात्रों की जेब काट रहा परीक्षा फॉर्म सॉफ्टवेयर
एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय के परीक्षा फॉर्म सॉफ्टवेयर ने स्नातक और परास्नातक का परीक्षा फॉर्म भरने वाले छात्र-छात्राओं की जमकर जेब काटी।
जागरण संवाददाता, बरेली : एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय के परीक्षा फॉर्म सॉफ्टवेयर ने स्नातक और परास्नातक का परीक्षा फॉर्म भरने वाले छात्र-छात्राओं की जमकर जेब काटी। अब तक एक हजार के करीब ऐसे विद्यार्थी सामने आ चुके हैं, जिन्हें सर्वर की समस्या से दोहरी फीस चुकानी पड़ी। विवि का दावा है कि इसमें 800 स्टूडेंट्स की फीस उनके एकाउंट में वापस कर दी गई।
दरअसल, स्नातक व परास्नातक के परीक्षा फॉर्म ऑनलाइन भरे जाते हैं। इसकी जिम्मेदारी यूपी डेस्को के हवाले है। विवि के एक कर्मचारी की मानें तो यूपी डेस्को का जो परीक्षा फॉर्म सॉफ्टवेयर है, उसका सर्वर लोड बढ़ते ही डाउन होने लगता है। मसलन, फॉर्म भरने के बाद जब छात्र अपने बैंक एकाउंट से फीस जमा करते हैं तो सर्वर फेल शो करने लगता है। छात्र दोबारा फीस के ऑप्शन पर क्लिक करते हैं, इसीलिए दो बार फीस विवि के एकाउंट में ट्रांसफर हो जाती है। छात्रों को यह चाहिए कि वो एक बार फीस जमा करें। अगर सर्वर एरर शो करे तब भी दोबारा फीस पेमेंट न करें। करीब 24 घंटे इंतजार करें। एकाउंट से ट्रांजेक्शन हो जाएगा। इस अंतराल में अगर फीस अदा न हो तब दोबारा पेमेंट करें।
रुपये वापसी के लिए भटकते छात्र
जिन छात्रों के एकाउंट से दो बार फीस कट गई है। वो अतिरिक्त जमा फीस वापसी के लिए विवि के चक्कर लगा रहे हैं। इसमें कई छात्र ऐसे हैं, जिन्होंने तीन बार फीस का भुगतान कर दिया है।
तैयार हो रही लिस्ट
एक कर्मचारी ने फीस डबल कटौती की बात स्वीकारते हुए कहा कि ऐसा सॉफ्टवेयर की दिक्कत और छात्रों की गलती से हुआ है। विद्यार्थी परेशान न हों। परीक्षा विभाग से सूची तैयार की जा रही है। डबल फीस भुगतान करने वालों का पैसा वापस होगा।
कैफे वाले छात्रों की दिक्कत
सैकड़ों छात्रों ने साइबर कैफे से परीक्षा फॉर्म भरा था। उन्होंने कैफे वालों के एकाउंट से ही ऑनलाइन फीस जमा कराई। लिहाजा एक बार की फीस वापस होगी तो वो भी कैफे वालों के एकाउंट में जाएगी। अगर किसी छात्र ने कैफे वाले को ही दो बार का भुगतान कर दिया है तो विवि से फीस वापसी के बाद उन्हें कैफे से संपर्क करना होगा।
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जिन्होंने दो बार फीस का भुगतान कर दिया, उनकी फीस वापस होगी। परीक्षा नियंत्रक को छात्र प्रार्थना पत्र देंगे। इसके बाद फीस वापसी की प्रक्रिया चलेगी।
सुरेश उपाध्याय, वित्त अधिकारी रुविवि