दागी कॉलेजो को विवि नही बनाएगा परीक्षा केद्र
रुहेलखंड विश्र्वविद्यालय की मुख्य परीक्षा मे सामूहिक नकल कराने वाले डिग्री कॉलेज, इस बार परीक्षा केद्र नही बनेगे। नकल के पुराने रिकॉर्ड और पिछले साल कार्यवाही की जद मे आने वाले ऐसे करीब आधा दर्जन डिग्री कॉलेज चिन्हित हुए है।
By Edited By: Published: Thu, 08 Feb 2018 02:41 AM (IST)Updated: Thu, 08 Feb 2018 10:13 AM (IST)
जागरण संवाददाता, बरेली : रुहेलखंड विश्र्वविद्यालय की मुख्य परीक्षा मे सामूहिक नकल कराने वाले डिग्री कॉलेज, इस बार परीक्षा केद्र नही बनेगे। नकल के पुराने रिकॉर्ड और पिछले साल कार्यवाही की जद मे आने वाले ऐसे करीब आधा दर्जन डिग्री कॉलेज चिन्हित हुए है। केद्र तय करने के लिए गठित प्रोफेसरो की समिति के राय-मशविरे के बाद यह संख्या अभी और बढ़ सकती है। दरअसल, गत वर्ष विवि परीक्षा मे शाहजहांपुर, मुरादाबाद, बिजनौर मे सामूहिक नकल के न सिर्फ आरोप लगे, बल्कि नकल पकड़ी भी गई थीं। ग्रामीण क्षेत्रो के केद्रो पर ऐसा बरसो से होता रहा है। अब, शासन ने स्वकेद्र परीक्षा प्रणाली खत्म कर दी है, इसलिए विवि भी दागी कॉलेजो को केद्र की सूची से बाहर करने को चिंतित हुआ है। परीक्षा नियंत्रक महेश कुमार का कहना है कि सामूहिक नकल मे पकड़े गए कॉलेजो को किसी भी सूरत मे केद्र नही बनाया जाएगा। पिछले साल बने थे 351 केद्र बरेली-मुरादाबाद मंडल के नौ जिलो मे रुविवि से संबद्ध करीब 512 डिग्री कॉलेज है। इसमे 409 डिग्री कॉलेजो मे बीए, बीएससी, बीकॉम, एमए, एमएससी और एमकॉम कोर्स संचालित है, बाकी कॉलेज प्रोफेशनल कोर्स वाले है। इन 409 डिग्री कॉलेजो के स्नातक-परास्नातक की रेगुलर-प्राइवेट कक्षा के 5.50 लाख विद्यार्थी मुख्य परीक्षा देगे। रुविवि प्रशासन पांच मार्च से तय परीक्षा के केद्र बनाने की प्रक्रिया मे लगा है। गत वर्ष 351 केद्र बने थे, अबकी इनकी संख्या और बढ़ेगी। दस फीसद ने नही सुझाए केद्र स्व-केद्र परीक्षा प्रणाली खत्म करने के निर्देश के साथ विवि ने हर कॉलेज से अपने नजदीक के तीन-तीन कॉलेजो से केद्रो के विकल्प मांगे थे। छह फरवरी अंतिम तिथि बीतने के बाद भी करीब 10 फीसद कॉलेजो ने ये सूचना नही दी है, इसलिए बुधवार को परीक्षा विभाग की टीम कॉलेजो से संपर्क कर विकल्प लेने मे जुटी रही। सूचना न देने वाले अधिकांश कॉलेज नए है।
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