दशकों बाद भी नहीं कम हुआ उत्‍साह, लोकतंत्र के पहले महायज्ञ से अब तक दे रहे मतदान की आहुति

लोकतंत्र के पहले महायज्ञ में मतदान करने वाले वृद्ध जनों का उत्साह अब भी बरकरार है। वे उतने ही उत्साह से अब भी वोट डालने जाते हैं जितने उत्साह से पहले मतदान करते थे। वरिष्ठ होने का इतना फायदा जरूर मिला प्राथमिकता के आधार पर मतदान करने का मौका मिला।