Move to Jagran APP

सीएम के आने के बाद भी बरेली में नहीं सुधरे निजी अस्पतालाें के हालात, 20 मिनट तक तड़पता रहा मरीज, नही किया भर्ती

कोविड संक्रमण से ग्रस्त मरीजों को इलाज देने के लिए शासन ने निजी अस्पतालों को भी कोविड अस्पताल बना रखा है। इन अस्पतालों में पूरी तरह से मनमानी का रवैया चल रहा है। मरीजों को तत्काल स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए इन अस्पतालों को सख्त निर्देश दिए गए हैं।

By Ravi MishraEdited By: Published: Sun, 09 May 2021 03:46 PM (IST)Updated: Sun, 09 May 2021 03:46 PM (IST)
सीएम के आने के बाद भी बरेली में नहीं सुधरे निजी अस्पतालाें के हालात, 20 मिनट तक तड़पता रहा मरीज, नही किया भर्ती
सीएम के आने के बाद भी बरेली में नहीं सुधरे निजी अस्पतालाें के हालात, 20 मिनट तक तड़पता रहा मरीज

बरेली, जेएनएन। कोविड संक्रमण से ग्रस्त मरीजों को इलाज देने के लिए शासन ने निजी अस्पतालों को भी कोविड अस्पताल बना रखा है। इन अस्पतालों में पूरी तरह से मनमानी का रवैया चल रहा है। मरीजों को तत्काल स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए इन अस्पतालों को सख्त निर्देश दिए गए हैं। शनिवार को शहर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के होने के बावजूद इन अस्पतालों का रवैया नहीं बदला।

loksabha election banner

शहर में तीन सौ बेड का सरकारी अस्पताल, तीन निजी मेडिकल कालेज और 13 निजी अस्पतालों को कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए तैयार किया गया है। मरीजों की संख्या अधिक होने के कारण इतना इंतजाम भी कर पड़ रहा है। वही, निजी अस्पतालों की मनमानी जोरों पर हैं। आरोप यह भी हैं कि निजी अस्पताल मरीजों को भर्ती करने के नाम पर पूरी मनमानी कर रहे है। कई अस्पतालों में मरीजों को तत्काल भर्ती भी नहीं किया जा रहा है।

शनिवार को सेटेलाइट बस स्टैंड के पास स्थित एक कोविड अस्पताल में सरकारी एंबुलेंस काफी देर खड़ी रही। करीब बीस मिनट तक वहां के स्टाफ ने मरीज को भर्ती नहीं किया। स्टाफ और डाक्टर बार-बार उसके पास तक जाते और फिर लौट कर आपस में मंथन करने लगते। पीलीभीत बाइपास रोड के पास स्थित एक कोविड अस्पताल के मुख्य गेट पर ताला लगा रहा। वाहनों के आने पर ही ताला खोलकर इंट्री कराई जा रही थी।

पैदल आने-जाने वालों को भी काफी पूछताछ के बाद अंदर जाने दिया जा रहा था। इससे मरीजों के तीमारदारों को परेशानी हुई। वही, स्टेडियम रोड स्थित दो कोविड अस्पतालों में भी रोज की तरह स्थिति रही। यहां मरीजों को भर्ती कराने के लिए तीमारदारों को खासी मशक्कत करनी पड़ी। अधिकतर लोगों को बेड फुल होना बताकर बाहर से ही टहला दिया गया। अन्य निजी अस्पतालों में मरीजों को मनमाना खर्च लेकर भर्ती किया गया। मरीज भर्ती कराने के लिए तीमारदार एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल तक भड़कते दिखाई दिए। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.