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डीएनबी कोर्स के लिए भर्ती होंगे आठ सीनियर रेजीडेंट डॉक्टर

जिला अस्पताल में डीएनबी कोर्स के लिए प्रशिक्षु डॉक्टरों को कोर्स कराने में सहायक बनने वाले आठ सीनियर रेजीडेंट डॉक्टरों की इसी महीने भर्ती होगी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Apr 2018 09:31 PM (IST)Updated: Mon, 30 Apr 2018 09:31 PM (IST)
डीएनबी कोर्स के लिए भर्ती होंगे आठ सीनियर रेजीडेंट डॉक्टर

जागरण संवाददाता, बरेली : जिला अस्पताल में डीएनबी कोर्स शुरू करने की प्रक्रिया तेजी से बढ़ रही है। प्रशिक्षु डॉक्टरों को कोर्स कराने में सहायक बनने वाले आठ सीनियर रेजीडेंट डॉक्टरों की इसी महीने भर्ती होगी। जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में डीएम ने इसकी अनुमति दे दी है। अब विभाग जल्द इंटरव्यू आयोजित कर भर्ती करेगा।

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शासन के निर्देश पर जिला अस्पताल में डीएनबी कोर्स शुरू किया जाना है। यहां मेडिसिन, सर्जरी, ऑर्थोपेडिक और नेत्र रोग विषय पर कोर्स कराया जाएगा। इन चार विषयों की पढ़ाई के बाद कई विशेषज्ञ डॉक्टर तैयार होंगे। डीएनबी कोर्स करने के लिए जिला अस्पताल को चार प्रशिक्षु डॉक्टर मिलेंगे। इनका चयन नीट के माध्यम से होगा। इन प्रशिक्षु डॉक्टरों को एडीएसआइसी डॉ. केएस गुप्ता ऑर्थोपेडिक, डॉ. एके गुप्ता सर्जरी, डॉ. एएम अग्रवाल मेडिसिन और डॉ. एके गौतम नेत्र की पढ़ाई कराएंगे। प्रशिक्षु डॉक्टरों के लिए जिला अस्पताल में लाइब्रेरी बन रही है। प्रयोगशाला के लिए एक मेडिकल कॉलेज से अनुबंध हो गया है। साथ ही हर विषय में प्रशिक्षु डॉक्टरों को क्लीनिक केस की स्टडी, ट्रेनिंग आदि कराने के लिए दो-दो सीनियर रेजीडेंट डॉक्टरों की भर्ती होगी। इसी माह होंगे इंटरव्यू

जिला अस्पताल के अपर निदेशक एवं प्रमुख अधीक्षक डॉ. केएस गुप्ता ने बताया कि जल्द ही आठ सीनियर रेजीडेंट डॉक्टर के इंटरव्यू होंगे। इसके लिए कमेटी बनाकर विज्ञापन प्रकाशित किया जाएगा। आवेदक को एमडी, एमएस या डीएनबी किए हुए पांच साल से अधिक समय नहीं होना चाहिए। कोर्स शुरू होने तक वे अस्पताल में सेवाएं देंगे। क्या है डीएनबी

डिप्लोमेट इन नेशनल बोर्ड (डीएनबी) तीन साल का पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स है। यह एमडी (डॉक्टर ऑफ मेडिसन) के समकक्ष होता है। कोर्स मेडिकल कॉलेजों के अलावा कुछ प्राइवेट बड़े नर्सिग होम में भी कराया जाता है। इस कोर्स को शुरू करने की अनुमति नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन देती है। पहले डीएनबी के बाद दो साल के लिए सीनियर रेजीडेंट बनना पड़ता था। इसके बाद ही असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए पात्र हो पाता था। अब यह कोर्स प्रदेश के 17 बड़े सरकारी अस्पतालों में भी शुरू हो रहा है।


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