बरेली में ड्रोन से होगा खेतों में यूरिया का छिड़काव
किसानों को अब फसलों में यूरिया लगाने के लिए कड़ी मेहनत नहीं करनी पड़ेगी। आचार संहिता हटते ही खेतों में ड्रोन से यूरिया की बारिश होगी। इफको द्वारा निर्मित आधा लीटर नैनो यूरिया 45 किलो यूरिया के बराबर काम करती है।
जागरण संवाददाता, बरेली: किसानों को अब फसलों में यूरिया लगाने के लिए कड़ी मेहनत नहीं करनी पड़ेगी। आचार संहिता हटते ही खेतों में ड्रोन से यूरिया की बारिश होगी। इफको द्वारा निर्मित आधा लीटर नैनो यूरिया 45 किलो यूरिया के बराबर काम करती है।
किसानों की परेशानी को देखते हुए सरकार ने इफको के साथ मिलकर खेतों में नैनो यूरिया का छिड़काव कराने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करने का निर्णय लिया है। जिला कृषि अधिकारी धीरेंद्र सिंह चौधरी ने बताया कि तरल यूरिया स्वदेशी और फसलों के लिए फायदेमंद है। यह फसल उत्पादन के क्षेत्र में क्रांति लाएगी। फिलहाल इसका छिड़काव करने के लिए पावर स्प्रे मशीन का उपयोग किया जा रहा है। ड्रोन से इसका छिड़काव होने से किसानों को राहत मिलेगी।
औरैया में किया गया था डेमो
योजना के लिए प्रदेश स्तर पर औरैया में डेमो भी पूरा हो चुका है। अब ड्रोन से यूरिया खाद का स्प्रे करवाने की तैयारी बरेली में भी हो चुकी है। ड्रेन की सहायता से एक एकड़ खेत में चंद मिनटों में यूरिया का छिड़काव हो जाएगा।
ड्रोन पर मिलेगा अनुदान, चलाने का दिया जाएगा प्रशिक्षण
ड्रोन खरीदने पर सरकार की ओर से अनुदान भी मिलेगा। इस पर अभी विचार चल रहा है। इसे चलाने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। ड्रोन चलाने वालों को ग्रीन पायलट का नाम दिया गया है। एक ड्रोन की कीमत सात लाख के आसपास है। इससे गन्ना और मक्का जैसी बड़ी फसलों में यूरिया का छिड़काव करना आसान होगा। जो भी किसान ड्रोन खरीदेगा, अन्य किसानों को यूरिया का छिड़काव कराने के लिए उसे कुछ राशि देनी होगी। यह राशि भी तय की जाएगी। ड्रोन के माध्यम से फसलों में खर-पतवार नाशक व कीटनाशक आदि का भी छिड़काव किया जा सकेगा।
वर्जन
सरकार का इफको के साथ करार हो गया है। ड्रोन खरीदने के इच्छुक किसानों से संपर्क जारी है। ड्रोन खरीदने में सरकार की ओर से अनुदान मिलेगा।
- धीरेंद्र सिंह चौधरी, उप निदेशक कृषि