Drainage System पीलीभीत में लाखों खर्च करने के बाद भी भरता है गलियों मे पानी
पीलीभीत यानि तराई के इस शहर में ड्रैनेज व्यवस्था दुरुस्त नहीं है। यही कारण है कि बारिश होते ही सड़कों और गलियों में जलभराव होने लगता है।
पीलीभीत, जेएनएन। पीलीभीत यानि तराई के इस शहर में ड्रैनेज व्यवस्था दुरुस्त नहीं है। यही कारण है कि बारिश होते ही सड़कों और गलियों में जलभराव होने लगता है। बरसाती पानी नाले-नालियों में होते हुए नदियों तक सीधे पहुंचता ही नहीं है। नगर पालिका परिषद हर साल बरसात से पहले लाखों रुपये खर्च करके नालों की सफाई कराती है लेकिन हालत जस की तस बनी हुई है। समय के साथ शहर की आबादी बढ़ती गई तो नए मुहल्ले और कॉलोनियां भी विकसित होती गईं। मगर किसी भी कॉलोनी में ड्रैनेज की सही व्यवस्था नहीं है।
पॉश कॉलोनी कहलाने वाले बल्लभ नगर, अशोक नगर, गोदावरी एस्टेट, वसुंधरा कॉलोनी में बरसाती पानी भरने की समस्या एक समान है। शहर के पुराने मुहल्लों में शुुमार सुनगढ़ी की गलियां तो जरा सी बारिश में ही जलमग्न होने लगती हैं। मुहल्ला फीलखाना मुख्य सड़क से काफी नीचे बसा है। ऐसे में बरसाती पानी का निकास यहां भी अवरुद्ध हो जाता है। शहर में छोटे-बड़े कुल मिलाकर 29 नाले हैं। दो--चार को छोड़ दें तो अन्य किसी में भी पानी का बहाव सही ढंग से नहीं होता। तलीझाड़ सफाई के बावजूद कई नालों में बरसाती पानी का बहाव इतनी मंद गति से होता है कि सड़कों से पानी निकलने में कई घंटे लग जाते हैं। नगर पालिका रोड पर तो बरसाती पानी नाले तक जाता ही नहीं है। शहर का विकास नियोजित ढंग से नहीं हो और ड्रैनेज की अनदेखी कर दिए जाने के कारण ही ऐसे हालात बने हैं।
ईओ ने माना ड्रैनेज नहीं दुरुस्त
नगर पालिका परिषद की अधिशासी अधिकारी निशा मिश्रा ने स्वीकार किया कि शहर में ड्रैनेज का सिस्टम दुरुस्त नहीं है। इसका कारण उन्होंने शहर की बसावट में किसी तरह की प्लानिंग न होना बताया। कहा कि शहर के कई पुराने मुहल्ले ऐसे हैं, जहां से बरसाती जल की निकासी अवरुद्ध हो जाती है। इसे सुधारने के लिए काफी धन की आवश्यकता है। पालिका के पास आय के सीमित साधन हैं। उसके बावजूद हर साल नालों की सफाई कराई जाती है। सफाई के बाद बरसाती पानी निकल जाता है। हालांकि इसमें कुछ समय लगता है। उन्होंने सिस्टम को सुधारने के प्रयास किए जाने की बात कही है।