दो खेमों में बंटे शहर के डॉक्टर
आइएमए की स्थानीय शाखा के भावी अध्यक्ष पद के चुनाव में हुई टक्कर के बाद डॉक्टर दो खेमों में बंट गए हैं।
जागरण संवाददाता, बरेली : भारतीय चिकित्सा संघ (आइएमए) की स्थानीय शाखा के भावी अध्यक्ष पद के चुनाव में हुई कांटे की टक्कर के बाद डॉक्टर दो खेमों में बंट गए हैं। तोमर विरोधी गुट की हार के बाद अब डॉक्टरों के बीच भावी अध्यक्ष को सामंजस्य बैठाना सबसे बड़ी चुनौती होगा। यही स्थिति मौजूदा कार्यकारिणी के सामने भी पेश आने वाली है।
रविवार को हुए भावी अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर डॉ. तोमर गुट और विरोध गुट के बीच लंबी खींचतान शुरू हो गई थी। दोनों गुटों ने अपने प्रत्याशी को जिताने के लिए दिन-रात एक कर दिया। कई प्रत्याशियों ने तो इसी बात को लेकर पहले ही नामांकन वापस लेकर उन्हें वॉकओवर दिया। आखिरकार डॉ. राजेश अध्यक्ष पद पर विजयी हुए। डॉ. राजीव ने उन्हें कांटे की टक्कर दी। इस कारण डॉ. राजेश मात्र दो वोट से जीत दर्ज करा पाए।
वही, शाम को वार्षिक सभा में डॉ. सत्येंद्र सिंह ने मौजूदा अध्यक्ष का पदभार ले लिया। डॉ. सत्येंद्र को तोमर विरोधी गुट माना जाता है। जबकि भावी अध्यक्ष की कुर्सी एक बार फिर तोमर गुट के पास आ गई है। ऐसे में आइएमए की कार्यप्रणाली में डॉक्टरों के बीच सामंजस्य बैठाना बड़ी चुनौती होगा। चुनाव के दौरान हुई तल्खी का असर आगे दिखाई देने की संभावना जताई जा रही है।
तथ्य
संस्था के बीच सामंजस्य बैठाना भावी अध्यक्ष के लिए होगा बड़ी चुनौती
- मौजूदा अध्यक्ष तोमर विरोध गुट के और भावी अध्यक्ष उनके पक्ष के
-तोमर विरोधी गुट की हार के बाद अब डॉक्टरों के बीच भावी अध्यक्ष को सामंजस्य बैठाना सबसे बड़ी चुनौती