गजब के हैं ये डीएम, कभी चलाते ई-रिक्शा तो कभी बनाते रोटी Shahjahanpur News
डीमए बुधवार को जिला अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे। मरीजों से हालपूछा और बातचीत की। तभी कुछ ऐसा हुआ कि डीएम खुद मरीजों के लिए रोटी बनाने लगे।
शाहजहांपुर, जेएनएन : ऊंचे पदों पर आसीन तमाम अफसरों में से कुछ अफसर ऐसे लोग होते है जो अपनी दिलेरी की वजह से खूब जाने जाते हैं। उन अफसरों में से ही एक अफसर आज-कल चर्चा का विषय बना हुआ है। आइएएस इंद्र विक्रम सिंह उत्तर प्रदेश के छोटे से शहर शाहजहांपुर में बतौर डीएम तैनात हैं। यह कभी ई-रिक्शा चलाते हैं तो कभी रोटी बनाने में जुट जाते हैं। तो आइए इन जनाब की कुछ झलकियां देखते हैं -
जब आंगनबाड़ी वर्करों को बिठाकर चलाने लगे ई-रिक्शा
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बैठाकर डीएम ई-रिक्शा चलाने लगे। जिसे देख अधिकारी व कर्मचारी दंग रह गए। यह नजारा बुधवार को कलेक्ट्रेट परिसर का था। स्वास्थ्य विभाग की ओर से निकाली गई स्तनपान जागरूकता रैली का शुभारंभ करने पहुंचे डीएम इंद्र विक्रम सिंह ने रैली को हरी झंडी दिखाने के बाद साउंड लेकर चल रहे ई-रिक्शा चालक को उतार दिया। इससे ई-रिक्शा चालक सहम गया। इसके बाद डीएम खुद चालक की गद्दी पर बैठ गए और ई-रिक्शा चलाने लगे। करीब सौ मीटर तक डीएम ने ई-रिक्शा चलाया। इसके बाद कलेक्ट्रेट गेट पर चालक को देकर उसकी पीठ थपथपाई। इस दौरान सीडीओ महेंद्र सिंह तंवर, सीएमओ डॉ. आरपी रावत, बीएसए राकेश कुमार सहित तमाम अधिकारी मौजूद रहे।
अन्नपूर्णा भोजनालय में तीमारदारों के लिए बनाई रोटी
इससे पहले डीएम सुबह जिला अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे। मरीजों से हालपूछा और बातचीत की। डीएम इंद्र विक्रम सिंह को बातचीत के दौरान मरीजों ने अस्पताल में कच्ची रोटी परोसे जाने की शिकायत की। डीएम ने इसकों गंभीरता से संज्ञान लेते हुए अस्पताल परिसर स्थित अन्नूपूर्णा भोजनालय का रुख किया। सबसे पहले मरीजों को दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता की जांच की। फिर भोजनालय में उपलब्ध सुविधाओं को देखा। उन्होंने रसोइये को रोटी बनाने का इशारा किया। रसोइये ने डीएम को एक रोटी बनाकर दिखाई। रसोइये की रोटी से असंतुष्ट दिखे।
डीएम ने खुद बेलन हाथ में लिया और रोटी बेलनी शुरू कर दी। डीएम ने रसोइये को गोल रोटी बेलकर दिखाई। तबे पर रोटी सेकी। चिमटे से रोटी को को उलट-पुलट किया और रसोइये को रोटी सेकने का सही तरीका समझाया। डीएम ने सोइये को समझाया कि बेलन को दबाकर पतली रोटी बेलनी चाहिए। रोटी को तबे पर सकते समय उसके किनारों का कसकर आंच दिखानी होती है। मोटी रोटी तबे पर सेकने में ज्यादा समय खर्च होता है।
अस्पताल प्रशासन की अटकी सांसे, साथ आए अफसर हड़बड़ाए
इस तरह से डीएम के भोजनालय पहुंचने पर अस्पताल प्रशासन की सांसे अटकी रहीं। डीएम ने साथ आए अफसरों से खुद के हाथों बनाई गई रोटी की जांच करने को कहा तो सभी हड़बाड़ा गए। दरअसल, सभी अफसर और अस्पताल प्रशासन ने रोटी की तारीफ की लेकिन कोई करने और उसकी सही गुणवत्ता बताने को तैयार नहीं हुआ। वहीं, डीएम के इस अंदाज से तीमारदार काफी खुश दिखाई दिए। तीमारदारों ने डीएम का उदाहरण देते हुए रसोइये को ठीक से रोटी बनाने की सलह तक दे दी।
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