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Lockdown में दिखा वर्दी का अलग रंग, छलके आंसू Bareilly News

उन्होंने अपने काम के दायरे नहीं तय करने थे खांचे नहीं खींचने थे शायद इसीलिए पुलिस में आए। कोरोना संक्रमण के इस भयावह दौर में पुलिस हर मुश्किल के सामने डटकर डटी है।

By Ravi MishraEdited By: Published: Thu, 26 Mar 2020 09:43 AM (IST)Updated: Thu, 26 Mar 2020 05:50 PM (IST)
Lockdown में दिखा वर्दी का अलग रंग, छलके आंसू Bareilly News

बरेली, अभिषेक पांडेय । उन्होंने अपने काम के दायरे नहीं तय करने थे, खांचे नहीं खींचने थे, शायद इसीलिए पुलिस में आए। कोरोना संक्रमण के इस भयावह दौर में पुलिस हर मुश्किल के सामने डटकर डटी है। दिनभर लॉक डाउन का पालन कराने के बाद जब खुद को फुर्सत देने का वक्त मिलता है तो वे सुस्ताते नहीं, मदद के लिए सड़क पर निकल पड़ते हैं। उन लोगों की खातिर, जो दिहाड़ी मजदूरी पर निर्भर रहते थे और इन दिनों रोटी तक नसीब नहीं हो रही...उनकी मदद में लगने वाली खाकी का यह रंग वास्तव में बेमिसाल है।

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बिस्किट, खाना लेकर पहुंच गए : ट्रेनों का संचालन बंद हो गया तो करीब तीन दर्जन मुसाफिर इसी शहर में फंस गए। चूंकि घर जाने के साधन नहीं हैं, इसलिए जंक्शन के बाहर ही दिन-रात गुजार रहे। लॉक डाउन में होटल आदि सभी बंद होने से उनके खाने की समस्या खड़ी हो गई। ऐसे में कोतवाल गीतेश कपिल व जंक्शन चौकी इंचार्ज सिद्धांत शर्मा उनके लिए खाद्य सामग्री, बिस्किट आदि बांटने पहुंचे। इज्जतनगर क्षेत्र में कुछ दिहाड़ी मजदूरों के सामने ऐसी मुश्किल आई तो इंस्पेक्टर केके वर्मा ने वहां खाना लेकर पहुंच गए।

घर में बच्चे भूखे हैं, सुना तो खुद पहुंच गए एसओ: बुधवार को ग्राम कुड्डा की रुखसार ने यूपी 112 पर फोन कर सूचना दी कि उनके घर में राशन नहीं है। बच्चे भूखे हैं। जानकारी एसओ सौरभ सिंह तक पहुंची तो उन्होंने दुकान से राशन खरीदा और रुखसार के घर पहुंच गए।

दर्द से कराते बुजुर्ग की आंखें छलक पड़ी : कर्मचारीनगर में रहने वाले आरके चतुर्वेदी एयरफोर्स से रिटायर फ्लाइंग अफसर हैं। बेटे अभिषेक अमेरिका में डॉक्टर हैं, बेटी रिचा की शहर में शादी हुई है।

पत्नी की मौत हो जाने से वह अकेले ही रहते हैं। देखभाल के लिए एक नौकर था लेकिन जनता कफ्यरू के बाद से वह आ नहीं सका। कुछ दिन पहले कूल्हे का ऑपरेशन कराया था। मगर तीन दिन से ड्रेसिंग नहीं हो पा रही थी। बेटी का फोन भी नहीं लगा तो बुधवार दोपहर को उन्होंने एसपी क्राइम रमेश भारतीय को फोन किया। उनके कहने पर यूपी 112 टीम उनके घर पहुंची। परेशानी सुनकर पुलिसकर्मी उनकी बेटी को लेकर आए, बाद में ड्रेसिंग कराई। यह सब देख आरके चतुर्वेदी की आंखें भर आईं।


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