479.50 करोड़ की जिला योजना से उठेगा पर्दा, बनेगा विकास का रोड मैप
शहर के विकास का रोड मैप तैयार करने के लिए जिला योजना समिति का मंच तैयार है। पिछले 15 दिनों से अफसर अपने-अपने विभाग और योजना के आधार पर डिमांड बनाते रहे।
जागरण संवाददाता, बरेली : शहर के विकास का रोड मैप तैयार करने के लिए जिला योजना समिति का मंच तैयार है। पिछले 15 दिनों से अफसर अपने-अपने विभाग और योजना के आधार पर डिमांड बनाते रहे। 49 विभागों की डिमांड जोड़ी गई तो कुल 479 करोड़ 59 लाख रुपये का भारी-भरकम बजट तैयार हुआ। बुधवार को प्रभारी मंत्री ब्रजेश पाठक की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में इस बजट पर फैसला होगा।
ज्यादा बजट झटकने की कोशिश में विभाग
जिला योजना समिति के माध्यम से हर साल विकास और कल्याणकारी कार्यो के लिए बजट का ब्योरा तैयार किया जाता है। इस साल अपने विभाग के हक में ज्यादा से ज्यादा रकम झटकने के लिए विभागों ने प्रस्तावित कामों की लंबी-चौड़ी डिमांड सीडीओ को भेजी है। सबसे ज्यादा 80 करोड़ बेसिक शिक्षा विभाग ने मांगे हैं। 78 करोड़ 33 लाख रुपये की मांग अकेले ग्रामीण स्वच्छता, शौचालय निर्माण पंचायती राज विभाग ने की है। रोजगार दिलाने का दावा करते हुए उद्योग विभाग ने 69.42 करोड़ रुपये मांगे हैं।
पर्यावरण संरक्षण के लिए सिर्फ 50 हजार
तैयार बजट प्रारूप में कुल 49 विभाग और उनके कामों के लिए बजट मांग शामिल की गई है। हैरत की बात है कि पर्यावरण संरक्षण का राग अलापने वाले विभाग और प्रशासन की नजर इस तरफ पड़ी ही नहीं। पर्यावरण संरक्षण के लिए महज 50 हजार रुपये प्रस्तावित हैं। इतनी ही रकम 2017-18 में भी प्रस्तावित और स्वीकृत हुई थी।
इन कामों पर विकास का दारोमदार
विभाग व योजना ::: प्रस्तावित मांग (करोड़ में)
बेसिक शिक्षा : 80.03
ग्रामीण स्वच्छता (पंचायती राज) : 78.33
रोजगार कार्य व सृजन : 69.42
परिवार कल्याण : 48.00
सड़क व पुल निर्माण : 35.93
माध्यमिक शिक्षा : 15
ग्रामीण पेयजल : 15.69
तकनीकी शिक्षा : 7.35
गन्ना विकास : 11.07
लघु सिंचाई नलकूप : 6.90
किसान सहायता : 6.74
महिला कल्याण : 17.06
समाज कल्याण : 15.50
समाज कल्याण (सामान्य श्रेणी) : 6.08
विकलांग कल्याण : 1.53
ग्रामीण विकास : 22.32
नगर विकास : 9.29
खेलकूद : 2 करोड़
-----
वर्जन--
जिला योजना के लिए पूरी तैयारियां हैं। विभागों की मांग को स्थान दिया गया है। प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में चर्चा के आधार पर जो बजट निर्धारित होगा, उसी के अनुसार विभागों की मांग शासन को भेजी जाएगी।
-वीरेंद्र कुमार सिंह, डीएम