रेलमंत्री जी, नहीं चाहिए ऐसी एडवांस डेमू ट्रेन... जो चलती कम, खराब ज्यादा होती
पूर्वोत्तर रेलवे की ओर से शुरू की गई डेमू ट्रेन के इंजन में तीन दिन में दो बार खराबी आ गई। इससे रेलवे के दावे हवाई साबित होने लगे हैं।
बरेली(जेएनएन)। मेट्रो की तरह एडवांस...। 1600 हार्सपॉवर का ड्यूल इंजन...। सीसीटीवी और फायर अलार्म जैसे सिक्योरिटी फीचर से लैस कोच..। हम बात कर रहे हैं, रेलवे की नई एडवांस डेमू ट्रेन की। पूर्वोत्तर रेलवे के इज्जतनगर मंडल में काशीपुर-बरेली सिटी-पीलीभीत रूट पर तमाम दावों के साथ रेलवे ने नई डेमू ट्रेन का संचालन शुरू किया गया, लेकिन महज तीनों दिनों में दो बार ट्रेन के इंजन में खराबी आने से सारे दावे हवाई साबित होने लगे हैं। बुधवार रात को दोबारा इंजन में खराबी आई तो यात्री कहने पर मजबूर हो गए कि रेलमंत्री जी, ऐसी एडवांस डेमू ट्रेन नहीं चाहिए... जो चलती कम, खराब ज्यादा होती है।
पहले दिन चार कदम चलकर हांफ गई डेमू
29 सितंबर को केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने हरी झंडी दिखाकर डेमू ट्रेन का औपचारिक शुभारंभ किया। सोमवार से इसका संचालन शुरू हुआ। बरेली सिटी से पहले दिन डेमू शाम छह बजे पीलीभीत स्टेशन को रवाना हुई। रात आठ बजे तय समय पर पीलीभीत पहुंची। रात 9.35 बजे डेमू को बरेली सिटी के लिए रवाना होना था। रवानगी का हॉर्न बजा लेकिन डेमू का इंजन स्टार्ट नहीं हुआ। पहले ही दिन इंजन में खराबी की सूचना पर अधिकारियों में खलबली मच गई। आनन-फानन में रेलवे इंजीनियर मौके पर पहुंचे। काफी मशक्कत के बाद इंजन में आई तकनीकि खराबी ठीक की। तब जाकर करीब ढाई घंटे बाद ट्रेन पीलीभीत स्टेशन से बरेली सिटी रवाना हुई। इस दौरान मुसाफिरों को काफी परेशानी हुई।
तीसरे दिन फिर इंजन फेल, मैनुअल इंजन लगाना पड़ा
तीसरे दिन बुधवार रात को एक बार फिर डेमू के इंजन में पीलीभीत स्टेशन पर खराबी आ गई। काफी देर तक रेलवे के इंजीनियर इंजन स्टार्ट करने की कोशिश करते रहे लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। आखिरकार मैनुअल इंजन लगाकर रात करीब 10 बजे ट्रेन रवाना की गई। तब जाकर लोगों ने राहत ली।
पायलट अनट्रेंड या मोटर खराब
रेलवे से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इंजन में कोई तकनीकि खराबी है, जिसे इंजीनियर समझ नहीं पा रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर इस बात की भी चर्चा चल रही है कि पायलट ने गलत बटन दबा दिया था। जिससे डेमू ट्रेन स्टार्ट नहीं हो सकी। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि क्या रेलवे ने अनट्रेंड पायलटों के हाथों में डेमू थमा दी है जो नए इंजन और उसकी ऑपरेटिंग से वाकिफ नहीं है। या फिर ट्रेन के इंजन में ही मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट रह गया है। बहरहाल, जो भी हो, लेकिन एक बात साफ है कि तीन दिन में दो बार इंजन खराब होने से रेलवे की साख पर बट्टा लगा ही गया है।
रेलवे जांच में जुटा आखिर क्यों आ रही खराबी
इज्जतनगर मंडल के पीआरओ राजेंद्र सिंह ने बताया कि डेमू के मोटर में कुछ खराबी आ रही है। रेलवे इंजीनियर्स से मामले में जांच कराई जा रही है कि नई मोटर में कैसे खराबी क्यों आ रही है। उधर, रेलवे अधिकारी भी जानने में जुटे हैं कि आखिर आधुनिक तकनीकि युक्त डेमू के इंजन में ऐसी क्या खराबी आ रही है।