मस्जिदों से एलान, जुलूस-ए-मुहम्मदी में नहीं बजाएं डीजे
रबी-उल-अव्वल के चांद का दीदार होते ही जश्न-ए-ईद-मिलादुन्नबी की तैयारियों का सिलसिला शुरू हो गया है।
जागरण संवाददाता, बरेली : रबी-उल-अव्वल के चांद का दीदार होते ही जश्न-ए-ईद-मिलादुन्नबी की तैयारियों का सिलसिला शुरू हो गया है। शुक्रवार को जुलूस में शामिल होने वाली अंजुमनों की बैठकें हुई। वहीं, मस्जिदों से एलान हुआ कि जुलूस-ए-मुहम्मदी में डीजे हरगिज न बजाएं, न ही बाइकों से हुड़दंग करें। अमन-सुकून और अदब के साथ जुलूस निकालकर मुहब्बत का पैगाम पेश करें।
शुक्रवार को मरकजी दारुल इफ्ता की सुन्नी रोयत-ए-हिलाल कमेटी में शामिल मुफ्ती नश्तर फारुखी ने चांद का एलान किया है। जमात-रजा-ए-मुस्तफा के उपाध्यक्ष सलमान हसन खां ने इसकी तस्दीक की है। इस लिहाज से शनिवार को इस्लामिक माह रबी-उल-अव्वल की पहली तारीख है। 21 नवंबर को ईद-मिलादुन्नबी होगी। 20 नवंबर को पुराना शहर से अंजुमन इत्तेहादुल मुस्लेमीन की ओर से पुराना शहर स्थित मुन्ना खां के नीम से जुलूस-ए-मुहम्मदी निकलेगा। जबकि 21 नवंबर को कोहाड़ापीर से अंजुमन खुद्दामे रसूल की कयादत में सैकड़ों अंजुमनों के साथ जुलूस निकलेगा। शहर भर की अंजुमने जुलूस की तैयारी में जुट गई हैं। वहीं, जनसेवा समिति ने भी जश्न में डीजे पर नात शरीफ न बजाने की मुहिम चलाने पर मंथन किया।
नौजवान काटते बाइक से हुड़दंग
पिछले कुछ सालों से जुलूस में नौजवान बाइक से हुड़दंग काटते नजर आने लगे हैं। इसे लेकर इस बार खास सावधानी बरती जा रही है। दरगाह आला हजरत के सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां ठिरिया निजावत खां में उर्स-ए-रजवी के जुलूस से ही यह पैगाम दे चुके हैं कि जुलूस-ए-मुहम्मदी में किसी भी तरह का न तो डीजे बजाया जाए न ही कोई हुड़दंग काटे। अदब व एहतराम का सबूत पेश करें। जुमे की नमाज में भी मस्जिदों से यही एलान किया गया।
शिया मसकल से भी एलान
शिया मसलक के मौलाना शमसुल हसन खां ने रबी-उल-अव्वल का चांद नजर आने का एलान किया है। यूनाइटेड शिया मूवमेंट के प्रवक्ता समर अब्बास जैदी ने इसकी तस्दीक की है।