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जिम्मेदारियों की मौत, जिंदगियों का अंतिम संस्कार

सरकार के पास अस्पताल हैं। डॉक्टर हैं। दवा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Sep 2018 07:06 AM (IST)Updated: Mon, 10 Sep 2018 07:06 AM (IST)
जिम्मेदारियों की मौत, जिंदगियों का अंतिम संस्कार
जिम्मेदारियों की मौत, जिंदगियों का अंतिम संस्कार

जागरण टीम बरेली : सरकार के पास अस्पताल हैं। डॉक्टर हैं। दवा है। इलाज के लिए पूरा सिस्टम है। यानी वह सबकुछ जो बीमार होने पर आमजन को स्वस्थ करने का भरोसा देता है। बस नहीं है तो जिम्मेदारी का अहसास। जिम्मेदारियों की यही मौत जिंदगियों को लील रहा है। बेबस परिजन के अपनों को खोने की चीत्कार अफसर भी सुन रहे और बरेली से लेकर लखनऊ तक के माननीय भी। फिर भी, लेकिन बुखार से रोकथाम के पुख्ता इंतजाम न हो सके। शनिवार रात से रविवार तक आठ और लोग असमय ही काल के गाल में समा गए।

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आंवला : रविवार को आंवला के गांव गुलेली में वेदराम (50) पुत्र तेजराम की मौत हो गई। तीन दिनों से वह बुखार से पीड़ित था। दवा ली लेकिन जान न बच सकी। गांव में दर्जनों लोग बीमार हैं। तहसील क्षेत्र में अब तक 73 लोग बुखार का शिकार हो चुके हैं।

फतेहगंज पूर्वी : गांव मरुआझाला निवासी गुड्डू बाबू (40) तीन दिन से बीमार थे। सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए न जा सके। झोलाछाप से दवा ली। जिंदगी न बच सकी। शनिवार रात दम तोड़ दिया। वहीं कस्बे में शिक्षक मनोज मिश्रा, तौफीक अहमद, मोफीद खान, अरुण मिश्रा, सुधीर मिश्रा, श्रीकृष्ण, ओम प्रकाश, रामप्रकाश, रामप्रताप आदि दर्जनों लोग बुखार से पीड़ित हैं।

फतेहगंज पश्चिमी : बुखार ने सात साल के मासूम सहित दो लोगों को लील लिया। गांव माधौपुर निवासी सतीश के पुत्र किशन (7) को गुरुवार को तेज बुखार आया था। कस्बे में दवाई ली। शनिवार सुबह उल्टी आई। उसके बाद मौत हो गई। रुकुमपुर गांव में विजय वाल्मीकि की पत्नी बबली (38) की शनिवार को बुखार से मौत हो गई। रहपुरा में पूर्व प्रधान गंगा सहाय की पत्नी ऊषा सहित एक दर्जन बीमार हैं। माधौपुर में अब तक पांच की जान जा चुकी है।

शीशगढ़ : गांव विल्शा में 10 दिन से बुखार से जूझ रहे महेंद्र पाल ने रविवार को दम तोड़ दिया। सीएचसी में सही इलाज न मिलने पर रुद्रपुर में उपचार चल रहा था। गांव में काíतक, परमानंद ,चरन ¨सह, विनोद, पवन, सूरज, आरती, क्रांति आदि बुखार की चपेट में हैं।

बिथरी में भाई-बहन सहित तीन की मौत

बिथरी चैनपुर के गांव बारी नगला में एक ही घर में दो दिन के भीतर भाई-बहन को निगल लिया। तीन दिन से बीमार सोनू (14) शनिवार को चल बसा। दो दिन पहले ही उसकी बड़ी बहन रोहिनी (17) की मौत हो गई थी। इसी क्षेत्र के गांव लहिया निवासी प्रेमपाल की आठ वर्षीय बेटी अनामिका की रविवार दोपहर जिला अस्पताल में मौत हो गई।


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