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बदायूं से जिले में फैला खतरनाक मलेरिया, अलर्ट के बाद अंजान बना रहा विभाग

जिले में खतरनाक मलेरिया की दस्तक पिछले साल ही आ चुकी थी, लेकिन स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह अंजान बना रहा।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Tue, 16 Oct 2018 03:02 PM (IST)Updated: Tue, 16 Oct 2018 05:02 PM (IST)
बदायूं से जिले में फैला खतरनाक मलेरिया, अलर्ट के बाद अंजान बना रहा विभाग

बरेली(जेएनएन) : जिले में खतरनाक मलेरिया की दस्तक पिछले साल ही आ चुकी थी, लेकिन स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह अंजान बना रहा। बदायूं में फाल्सीपेरम के मामले सामने आने पर जिले में भी खतरनाक बीमारी को लेकर अलर्ट किया गया, लेकिन रोकथाम का काम नहीं हो पाया। इसी की नतीजा है कि हजारों लोगों को प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम ने मौत के मुंह में पहुंचा दिया।

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पिछले साल बदायूं के जगत, बिनावर, म्यांऊ, कादरचौक समेत आसपास के क्षेत्रों में मलेरिया का खतरनाक प्लाज्मोडिम फाल्सीपेरम पैरासाइट दिखाई दिया था। वहां सैकड़ों लोग इस खतरनाक बीमारी की चपेट में आए थे। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग ने फाल्सीपेरम के बहुत कम आंकड़े सार्वजनिक किए थे। बदायूं के मलेरिया प्रभावित क्षेत्र अपने जिले के काफी नजदीक हैैं और दोनों जगहों से आने-जाने वाले लोग इन्हीं क्षेत्रों से निकलते हैैं। इस कारण एडी हेल्थ कार्यालय के एंटोमोलॉजिस्ट डॉ. दीपक कुमार ने अप्रैल 2018 में ही जिले को मच्छर जनित बीमारियों के लिए अलर्ट कर दिया था। उन्होंने खासतौर पर मलेरिया फैलने की आशंका जताई थी। उनके अलर्ट के बावजूद स्वास्थ्य विभाग मलेरिया को रोकने में असफल रहा। इतना ही नहीं खतरनाक मलेरिया के मामलों को भी दबा दिया गया। इसी का नतीजा रहा कि अब तक खतरनाक बीमारी से दो सौ से अधिक लोगों की जान चली गई और करीब 12 हजार लोग प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम की चपेट में आ गए।  


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